ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 11 नवंबर
हरियाणा विधानसभा में बुधवार से शुरू होने जा रहा विधानसभा का शीतकालीन सत्र नेता प्रतिपक्ष के बगैर ही चलेगा। इस सत्र की खास बात यह होगी कि विधायकों को विधानसभा की तरफ से सीट अलॉट की जाएंगी। हरियाणा विधानसभा के 25 अक्तूबर को हुए एक दिवसीय सत्र के दौरान विधायकों को शपथ दिलाई गई थी। इसके चलते वह अलग-अलग सीटों पर बैठे थे। सदन में इनेलो भी विधायक दल के नेता का नाम घोषित कर चुकी है।
37 विधायकों वाली कांग्रेस अभी तक अपना नेता नहीं चुन पाई है। हाईकमान द्वारा भेजे गए नेता विधायकों के साथ बैठक कर चुके हैं। सदन की परंपरा के अनुसार डिप्टी स्पीकर और नेता प्रतिपक्ष एक ही चेयर पर बैठते हैं।
सदन में वरिष्ठता के आधार पर कांग्रेस के रघुबीर कादयान इस समय सबसे वरिष्ठ विधायक हैं। दूसरी तरफ भूपेंद्र सिंह हुड्डा पूर्व सीएम और पूर्व नेता प्रतिपक्ष होने के कारण वरिष्ठ हैं। ऐसे में अब देखना यह होगा कि बुधवार को डिप्टी स्पीकर के साथ कांग्रेस के किस विधायक को बिठाया जाता है। सोमवार को हुई बीएसी की बैठक भी नेता प्रतिपक्ष के बगैर ही हुई है। जिसमें भूपेंद्र सिंह हुड्डा स्वयं नहीं आए।
नेता प्रतिपक्ष से जुड़े सवाल पर मीडिया से बातचीत में सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है। एक महीने से भी अधिक का समय हो चुका है। लेकिन कांग्रेस अभी तक भी सीएलपी लीडर नहीं चुन पाई है।
इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस में कितनी खींचतान चल रही है। दूसरी तरफ हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने साफ किया कि प्रदेश के सभी विधायक इस संबंध में प्रस्ताव पारित करके सीएलपी नेता चुनने का अधिकार हाईकमान को दे चुके हैं। हाईकमान के सभी नेता महाराष्ट्र व झारखंड चुनाव में व्यस्त हैं। चुनाव के बाद ही नेता प्रतिपक्ष के नाम का ऐलान किया जाएगा।