चंडीगढ़, 1 नवंबर (ट्रिन्यू) कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व मंत्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग ने एक बार फिर युवाओं के गुण, काबलियत व क्षमता का मजाक उड़ाया है। भाजपा के पिछलग्गुओं से गठित ‘हरियाणा कर्मचारी भर्ती आयोग’ ने पूरी परीक्षा प्रणाली, पेपर बनाने का सलीका व किसी पद की योग्यता के प्रति इम्तिहान लेने के तौर-तरीके काे पूरी तरह से खत्म कर युवाओं के भविष्य पर ग्रहण लगा दिया है। सरकार को खुली चुनौती देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि मुख्यमंत्री सहित उनकी पूरी कैबिनेट भी मिलकर पुलिस भर्ती के पेपर को हल कर दे तो वे मान जाएंगे। सोमवार को चंडीगढ़ में मीडिया से बातचीत में सुरजेवाल ने कहा कि पूरा हरियाणा जानता है कि ‘पेपर में लाखों रुपये की खर्ची कर, पास होने की पर्ची’ अब सरकारी नौकरी पाने का एकमात्र तरीका बन गया है। 30 से अधिक अलग-अलग नौकरियों व प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर खुलेआम बिक चुके हैं। अलग-अलग तरीके अपनाकर युवाओं की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यह सामने आया कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं के पिछले तीन माह में 580 उत्तर पुस्तिकाएं (ओएमआर सीट) खाली मिलीं। अब ताजा मामला 5500 पुलिस कांस्टेबल (पुरुष) की भर्ती का है। इन पदों के लिए 8 लाख 39 हजार युवाओं ने आवेदन किया था। इसके पेपर सुबह व शाम की शिफ्ट में लगातार तीन दिन यानी 31 अक्तूबर, पहली व 2 नवंबर को पेपर होंगे। कांग्रेस नेता ने कहा कि एक बार फिर हरियाणा के युवाओं के भविष्य की बोली लग रही है। ताजा षड्यंत्र यह है कि पुरुष पुलिस कांस्टेबल की भर्ती के लिए आईएएस, आईपीएस से भी ज्यादा मुश्किल सवाल पूछो ताकि साधारण युवा फेल हो जाएं। ओएमआर सीट को बाद में भरवा कर ‘सेटिंग डॉट कॉम’ से भर्ती की जा सके। उन्होंने कहा कि अलग-अलग सेंटर में अलग-अलग पेपर दिए गए। एकाध नहीं बल्कि आठ प्रश्न-पत्र बांटे गए। 31 अक्तूबर को सुबह व शाम की शिफ्ट में हुए पुलिस भर्ती के पेपर में अलग-अलग पेपर बांटना परीक्षार्थियों की भी समझ से बाहर है। उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती में ऐसे सवाल पूछे गए, जिन्हें डीजीपी और कोई आईपीएस भी हल नहीं कर सकते। आयोग ने भर्ती के विज्ञापन में साफ तौर पर लिखा था कि लिखित परीक्षा में सवालों का मापदंड 12वीं पास विद्यार्थी की योग्यता के अनुरूप होगा। सुरजेवाला ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से भेदभावपूर्ण है।