कुमार मुकेश/ हप्र
हिसार, 25 अक्तूबर
कपास समेत तमाम फसलों की बर्बादी पर मुआवजे की मांग को लेकर अखिल भारतीय किसान सभा और कपास उत्पादक संघ की ओर से 2 नवंबर को हिसार कमिश्नरी पर जुझारू प्रदर्शन किया जाएगा।
यह फैसला 6 जिलों के कपास उत्पादकों की बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता सभा के जिला प्रधान शमशेर नंबरदार और कामरेड रामस्वरूप ढाणी गोपाल ने की। बैठक को संबोधित करते हुए किसान सभा के राज्य सचिव सुमित दलाल ने कहा कि कपास जैसी महत्वपूर्ण फसल के लाभकारी मूल्य मिलना तो दूर उसके भाव लम्बे समय से स्थिर हैं। कार्पोरेट कंपनियों ने जिस तरह से बीज, दवाई, खाद आदि पर अपना नियंत्रण जमाया है, उसमें कपास के बीज और कीटनाशक दवाइयों के मामले में भारी लूट हो रही है।
बीटी कॉटन के बीज की बिक्री बढ़ाने के लिए इन बीजों को बीमारी मुक्त बताकर प्रचारित किया गया लेकिन सफेद मक्खी, गुलाबी सुंडी आदि के प्रकोप ने भारी तबाही मचाई है, ऊपर से बेमौसमी बारिश के कारण कपास, दाल मूंग, बाजरा इत्यादि फसलों का भी भारी नुकसान हुआ। किसानों को संबोधित करते हुए ज्ञान विज्ञान समिति के नेता डॉ. धर्म सिंह ने कहा कि हमें बीटी कॉटन, पेस्टिसाइड आदि बहुराष्ट्रीय कंपनियों की तरफ बढ़ने की बजाय जहर मुक्त खेती की तरफ आगे आना होगा और टिकाऊ, सस्ती और वैज्ञानिक खेती का मॉडल बनाना होगा।
बैठक के बाद किसान सभा का एक प्रतिनिधिमंडल मास्टर शेर सिंह और शमशेर नम्बरदार के नेतृत्व में कमिश्नर से मिला और बातचीत की। उन्होंने बताया कि प्रशासन का रुख संतोषजनक नहीं था और कोई भी चीज उनके पास किसानों को कागज पर देने के लिए नहीं थी।