चंडीगढ़, 23 सितंबर
एचएस हूडा सेक्टर्स कन्फेडरेशन ने इस फैसले को आचार संहिता का उल्लंघन बताया है। साथ ही, दो-टूक कहा है कि केयर टेकर सरकार के पास इस तरह के आदेश जारी करने के अधिकार नहीं हैं।
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट के डायरेक्टर की ओर से 2 जुलाई को जारी हुई संशोधित पॉलिसी को पूरे प्रदेश में लागू करने के आदेश दिए गये हैं। एचएस हूडा सेक्टर्स कन्फेडरेशन का कहना है कि राज्य सरकार बिल्डर लॉबी के दबाव में यह काम कर रही है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में केस होने के बावजूद सरकार ने चुनाव के बीच फैसला लेकर एक लॉबी को फायदा पहुंचाया है। गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला, सोनीपत, रोहतक, हिसार सहित राज्य के अधिकांश शहरों के सेक्टरों की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन्स भी सरकार के इस फैसले का शुरू से विरोध करती आ रही हैं। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी खुलकर राज्य सरकार के इस फैसले का विरोध कर चुके हैं। हुड्डा का कहना है कि नये सेक्टरों में सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकती हैं। नये सेक्टरों में इसे लागू किया भी जा सकता है, लेकिन बरसों पहले बसे सेक्टरों में इससे परेशानी ही होगी। इतना ही नहीं, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता इस संदर्भ में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और मौजूदा सीएम नायब सिंह सैनी को भी पत्र लिखकर अपना विरोध जता चुके हैं। मनोहर सरकार के कार्यकाल के दौरान गुप्ता की चिट्ठी पर पहले पंचकूला और फिर पूरे प्रदेश में स्टिल्ट प्लस फोर निर्माण पर रोक लगी थी। प्रदेश के अधिकांश शहरों में हो रहे विरोध के बाद सरकार ने वरिष्ठ आईएएस (सेवानिवृत्त) पी. राघवेंद्र राव की अध्यक्षता में एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया था। कमेटी की सिफारिशों को मंजूरी देते हुए नायब कैबिनेट ने 2 जुलाई को ‘स्टिल्ट प्लस फोर’ के निर्माण की संशोधित पॉलिसी को मंजूरी दी थी, हालांकि हाईकोर्ट के नोटिस के बाद सरकार ने इस पर भी रोक लगा दी थी। सरकार की ओर से हाईकोर्ट में रिप्लाई फाइल करना था। ऐसे में हाईकोर्ट ने इस फैसले पर स्टे नहीं दिया था।
– यशवीर सिंह मलिक, एचएस हूडा सेक्टर्स कन्फेडरेशन