जींद, 20 अप्रैल (हप्र)
पुलिस द्वारा एनडीपीएस मामले के आरोप में काबू किये गये जुलाना कस्बे के वार्ड 4 निवासी पप्पी नामक युवक की रविवार रात पीजीआई रोहतक में इलाज के दौरान हुई मौत का मामला तूल पकड़ गया है। बुधवार को तीसरे दिन भी शव का दाह संस्कार नहीं किया गया। बुधवार को मृतक की विधवा न्याय की मांग का लेकर अनशन पर बैठ गई। कुछ घंटे बाद ही उसकी हालत बिगड़ गई। इसके बाद उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां वह उपचाराधीन है।
जुलाना कस्बे के वार्ड नंबर 4 निवासी 30 वर्षीय पप्पी को पुलिस ने 13 अप्रैल को एनडीपीएस मामले में काबू किया था। पुलिस ने पप्पी के खिलाफ मामला दर्ज कर 15 अप्रैल को उसे जेल भेज दिया था। जेल में 17 अप्रैल को पप्पी की हालत बिगड़ी तो उसे पीजीआई रोहतक लाया गया, वहां पर उसकी मौत हो गई। सोमवार सुबह मृतक के परिजनों को पार्षद संदीप के जरिए सूचना मिली कि पप्पी की मौत हो गई। परिजनों की मांग है कि आरोपी पुलिस कर्मियों को नौकरी से बर्खास्त कर उनके खिलाफ हत्या, एससीएसटी समेत विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया जाए, उसके बाद ही शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
चौपाल पर रखा शव, धरना शुरू
पप्पी के शव को वार्ड नंबर चार की चौपाल में रखा गया है। यह चौपाल ही अब धरनास्थल के रूप में बदल गई है। सैकड़ों लोग चौपाल में शव के साथ धरने दे रहे हैं। बुधवार को पुलिस प्रशासन का कोई भी अधिकारी इन लोगों के बीच नहीं पहुंचा। इससे लोगों में शासन प्रशासन के प्रति रोष बढ़ता जा रहा है। बुधवार को जुलाना नपा के पूर्व उपाध्यक्ष सुरेंद्र फौजी की अध्यक्षता में पंचायत का आयोजन किया गया। इसमें निर्णय लिया कि हर रोज सायंकाल जुलाना के बाजार में कैंडल मार्च निकाला जाएगा और 48 घंटे का प्रशासन को अल्टीमेटम दिया गया है। अगर 48 घंटे तक उन्हें न्याय नहीं मिलता है तो पंचायत द्वारा कोई भी बड़ा आंदोलन शुरू किया जा सकता है।
पुलिस पर लगाया पिटाई का आरोप
परिजनों का आरोप है कि पुलिस द्वारा की गई पिटाई के कारण ही पप्पी की मौत हुई है। पुलिस कर्मी पप्पी को घर से पीटते हुए ले गये थे और उसके चार दिन बाद उन्हें पार्षद के जरिये पप्पी की मौत होने की सूचना मिली। परिजनों ने आरोप लगाया कि उनको पप्पी की गिरफ्तारी से लेकर मरने तक कोई भी सूचना पुलिस द्वारा नहीं दी गई।