चंडीगढ़, 30 जनवरी (ट्रिन्यू)
हरियाणा कांग्रेस ने यह स्वीकार किया है कि प्रदेश में उसका संगठन कमजोर है। हालिया नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिका के चुनावों में कांग्रेस की हार के पीछे भी संगठन नहीं होना बड़ा कारण रहा। शनिवार को चंडीगढ़ स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में अध्यक्ष कुमारी सैलजा की अध्यक्षता में हुई पार्टी की मंथन बैठक में यह बात निकल कर सामने आई। बैठक में सैलजा समर्थक कुछ नेता तो मौजूद रहे लेकिन पूर्व सीएम व विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा बैठक में नहीं पहुंचे वहीं उनके समर्थक विधायक भी उपस्थित नहीं थे। प्रदेश कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं – रणदीप सिंह सुरजेवाला, किरण चौधरी, कुलदीप बिश्नोई व पूर्व वित्त मंत्री कै़ अजय सिंह यादव सहित कई नेता बैठक में नहीं थे। हालांकि मंथन बैठक के संबंध में कोई अाधिकारिक सूचना भी नहीं थी।
तीन नगर निगमों – अम्बाला सिटी, सोनीपत व पंचकूला में हुए चुनाव में से कांग्रेस केवल सोनीपत सीट पर ही मेयर चुनाव जीत पाई। हालांकि भाजपा का प्रदर्शन भी अच्छा नहीं रहा। अम्बाला सिटी में पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी ने जीत दर्ज की वहीं पंचकूला में भाजपा के कुलभूषण गोयल ने चुनाव जीता। रेवाड़ी नगर परिषद में भी अध्यक्ष का चुनाव कांग्रेस ने सिम्बल पर लड़ा था, लेकिन यहां भी उसे हार का मुंह देखना पड़ा। सांपला, धारूहेड़ा व उकलाना नगर पालिका में पार्टी सिम्बल पर चुनाव लड़ने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाई। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में सैलाजा ने माना कि प्रदेश में पार्टी संगठन को मजबूत करने की जरूरत है। वहीं बैठक में मौजूद रहे कई नेताओं ने कहा कि संगठन कमजोर होने की वजह से निकाय चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा। बैठक में निकायों के उतारे गए प्रत्याशियों को लेकर भी मंथन हुआ। इसमें यह बात भी निकल कर सामने आई कि अम्बाला सिटी और पंचकूला नगर निगम में कई वार्डों में कमजोर उम्मीदवारों को उतारा गया।
पार्टी के नेताओं ने कहा कि जो एमसी पद के लिए चुनाव लड़ रहे थे, उन्होंने अपनी जीत के लिए पूरा जोर लगा दिया। जबकि उन्होंने मेयर पद के लिए वोट दिलवाने में इतना जोर नहीं लगाया। ऐसे में मेयर का पद पार्टी के हाथ से फिसल गया। भविष्य में इस तरह से टिकट दिया जाए कि दोनों पदों पर पार्टी की जीत हो। अम्बाला में पार्टी की हार के लिए कई दिग्गजों का मैदान में होना भी बड़ा कारण बना। यहां पर भी पार्टी संगठन कमजोर पड़ गया और जिस तरह से पार्टी विधानसभा या लोकसभा चुनाव लड़ती रही है, ठीक उसी तर्ज पर मेयर का चुनाव न लड़ पाने के कारण हार का सामना करना पड़ा।
पार्टी ने भविष्य में प्रदेश में होने वाले पंचायत व निकाय चुनावों को लेकर भी रणनीति तैयार की। नेताओं ने यह भी कहा है कि जिस भी चुनाव में पार्टी उतरे, उसमें सभी नेताओं की ड्यूटी लगाई जाए। चाहे वह कितने भी बड़े पद पर क्यों न हो। नहीं तो पार्टी कभी जीत के दरवाजे तक नहीं पहुंच पाएगी।
बैठक में पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन बिश्नोई, पूर्व मंत्री सुभाष बतरा, पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा, पूर्व सीपीएस रामकिशन गुर्जर, हरियाणा कांग्रेस महासचिव डॉ. अजय चौधरी, हरियाणा महिला कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सुधा भारद्वाज, हरियाणा कांग्रेस मीडिया कोऑर्डिनेटर निलय सैनी, हरियाणा कांग्रेस कोषाध्यक्ष रोहित जैन समेत अन्य कांग्रेस नेता मौजूद रहे।
किसानों के समर्थन में शांति मार्च निकालेगी कांग्रेस : सैलजा
प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने आरोप लगाया कि लाल किले पर हुई घटना के लिए केंद्र सरकार ही जिम्मेदार है। कृषि कानूनों का सड़क से संसद तक विरोध करने वाली कांग्रेस अब तीन से पांच फरवरी तक हरियाणा के प्रत्येक ब्लाॅक में किसान आंदोलन के लिए शांति मार्च निकालेगी। इसके लिए पार्टी के सभी नेताओं व कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगाई जा रही है। कुमारी सैलजा ने कहा कि तीन कृषि कानूनों के कारण देश में जो स्थिति पैदा हुई है वह किसी से छिपी नहीं है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर इतनी बड़ी संख्या में लोग लाल किले तक कैसे पहुंचे और कैसे हिंसा हुई इसका जवाब सरकार को देना चाहिए।