ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 2 नवंबर
हरियाणा के विधानसभा चुनावों में ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) में धांधली के आरोपों को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। कुछ रोज पूर्व ही कांग्रेस की शिकायत को खारिज करते हुए आयोग ने विपक्षी दल को लोगों को गुमराह नहीं करने की नसीहत भी दी थी। कांग्रेस ने अपनी नई शिकायत में आयोग द्वारा खुद को ही क्लीन-चिट दिए जाने पर सवाल उठाए हैं।
साथ ही, कांग्रेस की ओर से आयोग के फैसले पर असहमति जताई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कोषाध्यक्ष अजय माकन, वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अभिषेक मनु सिंघवी, प्रदेशाध्यक्ष चौ़ उदयभान, पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा, पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश व पवन खेड़ा की ओर से लिखित में यह शिकायत दी गई है।
केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस द्वारा की गई शिकायतों खारिज किए जाने पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा है कि आयोग ने न केवल खुद को क्लीन चिट दी है बल्कि शिकायत में उठाए गए कई तथ्यों का बगैर जांच के लिए जवाब दिया है। केंद्रीय चुनाव आयोग के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस दोबारा आयोग को शिकायत भेजी है। शनिवार को कांग्रेस के मीडिया एवं कम्युनिकेशन इंचार्ज चांदवीर हुड्डा ने चंडीगढ़ में यह पत्र मीडिया को जारी किया। कांग्रेस के नौ वरिष्ठ नेताओं के हस्ताक्षर वाले इस पत्र में कांग्रेस ने कहा है कि चुनाव आयोग ने उसकी शिकायतों का स्पष्ट जवाब नहीं दिया। जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति की गई है। पत्र में कहा कि चुनाव आयोग का जवाब अपमानजनक लहजे में लिखा गया है। अगर चुनाव आयोग इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करता रहा तो पार्टी के पास ऐसी टिप्पणियों के लिए कानूनी सहारा लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।
कांग्रेस ने कहा है कि चुनाव आयोग ने खुद को क्लीन चिट दी है। हमें नहीं पता कि आयोग को कौन सलाह दे रहा है, लेकिन ऐसा लगता है कि आयोग यह भूल गया है कि यह संविधान के तहत स्थापित एक निकाय है।
कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव में ईवीएम की गड़बड़ी का दावा करते हुए चुनाव आयोग से 13 अक्तूबर को शिकायत की थी। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा था कि 20 सीटों पर मतगणना के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी पाई गई। चुनाव आयोग ने 29 अक्तूबर को कांग्रेस की शिकायत खारिज कर दी थी। केंद्रीय चुनाव आयोग ने 1600 पेज के जवाब में आरोपों को निराधार, गलत और तथ्यहीन बताया था।
ईवीएम की बैटरी पर उठाए थे सवाल
कांग्रेस की ओर से हरियाणा के 20 हलकों से लिखित में शिकायत आयोग के पास भेजी गई थी। कांग्रेस पार्टी की ओर से भी अधिकारिक तौर पर आयोग के पास शिकायत दाखिल की थी। आयोग ने पिछले दिनों शिकायत को खारिज करते हुए साफ कहा था कि ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित हैं। वहीं कांग्रेसियों का कहना है कि बड़ी संख्या में ऐसी ईवीएम थी, जिनकी बैटरी 99 प्रतिशत तक चार्ज थी। उनकी यह दलील भी है कि जिन जगहों पर ईवीएम की बैटरी कम चार्ज थी, वहां कांग्रेस प्रत्याशियों की जीत हुई है। वहीं 99 प्रतिशत तक बैटरी चार्ज होने वाली जगहों पर भाजपा की जीत हुई है। इसी आधार पर कांग्रेस ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगा रही है।
कांग्रेस के आरोपों को बताया था गैरजिम्मेदाराना
चुनाव आयोग ने अपने जवाब में कहा था कि मतदान और मतगणना जैसे संवेदनशील समय के दौरान गैरजिम्मेदाराना आरोप लगाने से अशांति और अराजकता पैदा हो सकती है। आयोग ने पिछले एक साल में 5 मामलों का हवाला देते हुए कांग्रेस पार्टी को नसीहत दी और कहा कि आरोप लगाने में सावधानी बरते और बिना किसी सबूत के इलेक्टोरल ऑपरेशन पर आदतन हमला करने से बचे। आयोग के इस जवाब पर असहमति जताते हुए अब कांग्रेस ने कानूनी लड़ाई लड़ने का संकेत दिया है।