चंडीगढ़, 14 नवंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा के विधानसभा चुनावों में मिली हार के लिए कांग्रेस पूरी तरह से ईवीएम को जिम्मेदार ठहराने में जुटी है। बुधवार से शुरू हुए विधानसभा के शीतकालीन सत्र में दूसरे दिन यानी बृहस्पतिवार को भी ईवीएम का मुद्दा गरमाया रहा। कांग्रेस ने ईवीएम सिस्टम को खत्म करके फिर से बैलेट पेपर पर चुनाव करवाने की मांग की। इतना ही नहीं, कांग्रेस ने चुनाव आयोग को पिंजरे का तोता बताया है।
भाजपा विधायकों ने कांग्रेस के आरोपों का विरोध भी किया। इस मुद्दे पर काफी कहासुनी भी विधानसभा में हुई। कांग्रेसियों ने भाजपा को मिली जीत का पूरा श्रेय ईवीएम और चुनाव आयोग को देते हुए कहा कि भाजपाइयों को तो ईवीएम की पूजा करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चुनाव नतीजों पर सदन में चर्चा नहीं करने का मामला उठाया। इस पर स्पीकर हरविंद्र सिंह कल्याण ने नियमों का हवाला दिया। उन्होंने यहां तक कहा कि अगर किसी सदस्य को चर्चा करनी है या किसी तरह की आपत्ति है तो लिखित में दिया जाए। पूर्व स्पीकर व बेरी विधायक डॉ़ रघुबीर सिंह कादियान ने कहा कि हरियाणा ही नहीं, पूरे देश यहां तक कि कनाडा और अमेरिका तब में यह चर्चा थी कि हरियाणा से भाजपा जा रही है और कांग्रेस आ रही है।
उन्होंने कहा – यह तो समय का खेल है, जो बिल्ली के भाग्य से छीका टूट गया। कालका विधायक शक्ति रानी शर्मा व राई विधायक कृष्णा गहलोत ने उनका विरोध किया। दोनों पक्षों में हुई कहासुनी और आरोप-प्रत्यारोप के बीच हस्तक्षेप करते हुए स्पीकर ने सभी को शांत करवाया।
इसके बाद रोहतक विधायक भारत भूषण बतरा ने ईवीएम का मुद्दा फिर से उठाया दिया। बतरा ने कहा कि भाजपा को ईवीएम की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद भाजपा के कई विधायकों ने अपनी सीट से खड़े होकर इस बयान का विरोध किया। बतरा ने कहा कि हरियाणा के 60 प्रतिशत लोगों ने भाजपा के खिलाफ मतदान किया है।
भाजपा बनाम हुड्डा से हारी कांग्रेस : गौतम
सफीदों से भाजपा विधायक रामकुमार गौतम ने कहा – मैंने जब जींद में भाजपा ज्वाइन की थी तो उसी दिन कह दिया था कि भाजपा 50 सीटों के साथ सरकार बनाएगी और नायब सिंह सैनी 200 प्रतिशत मुख्यमंत्री बनेंगे। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की ओर इशारा करते हुए गौतम ने कहा – चुनाव में ईवीएम का कोई दोष नहीं है। हरियाणा में एकतरफा मुकाबला भाजपा और ‘हुड्डा पार्टी’ के बीच था। भाजपा का मुकाबला कांग्रेस के साथ था ही नहीं। उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा की अनदेखी का मामला भी सदन में उठाया। जवाबी हमले में हुड्डा ने कहा – पंडितजी मेरे पुराने मित्र हैं। फिर माफी भी जल्दी मांग लेते हैं। इस पर गौतम ने कहा – हुड्डा साहब आप बढ़िया आदमी हैं लेकिन आपने सरकार अच्छी नहीं चलाई। इंसान अच्छे हो और आपकी रगों में अच्छा खून है लेकिन आपके चारों ओर ऐसे लोग हैं, सलाहकार हैं, जिनकी वजह से यह हालत हुई। हमने तो चुनाव ही आपके 10 वर्षों के कार्यकाल और भाजपा के 10 वर्षों के कामकाज की तुलना पर लड़ा।