दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 3 सितंबर
हरियाणा में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस भी इस बार गठबंधन करके चुनावी रण में उतर सकती है। यह गठबंधन आम आदमी पार्टी (आप) और समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ संभव है। बातचीत आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की अध्यक्षता में कमेटी बना दी है। इसमें स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन अजय माकन, हरियाणा मामलों के प्रभारी दीपक बाबरिया तथा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा शामिल हैं। कमेटी आप व सपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ बातचीत को आगे बढ़ाएगी।
गठबंधन की यह कवायद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के निर्देशों के बाद आगे बढ़ रही है। गत दिवस हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में राहुल ने गठबंधन की संभावनाएं तलाशने को कहा था। दिल्ली से जुड़े सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी राष्ट्रीय स्तर पर एनडीए के खिलाफ ‘इंडिया’ गठबंधन को मजबूत बनाए रखना चाहते हैं। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ जम्मू-कश्मीर जाकर फारुख अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कान्फ्रेंस के साथ गठबंधन करके उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया।
कहा जा रहा है आगामी चुनावों में भी गठबंधन की कोशिश जारी रहेगी। अगले साल दिल्ली विधानसभा के चुनाव होने हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश व दूसरे राज्यों के भी चुनाव आएंगे। गौर हो कि हालिया लोकसभा चुनावों में भी राहुल गांधी ने इंडिया गठबंधन की मजबूती के लिए कई ऐसे समझौते किए, जिससे कांग्रेस बचती रहती है। केंद्र की मौजूदा एनडीए सरकार के सामने मजबूत विपक्ष खड़ा रखने की राहुल की कवायद का ही नतीजा है कि हरियाणा में भी गठबंधन की कोशिश जारी है।
लोकसभा चुनावों में हरियाणा की दस सीटों में से नौ पर कांग्रेस और कुरुक्षेत्र में आप ने इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस और आप ने अलग-अलग विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय ले लिया था। हालांकि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा हरियाणा में चुनाव लड़ने और कांग्रेस से सीट मांगने की बात पहले ही सामने आ चुकी है। माना जा रहा है कि आप को 5 से 7 और सपा को दो सीट हरियाणा में मिल सकती हैं।
-दीपक बाबरिया, कांग्रेस के हरियाणा मामलों के प्रभारी
-डॉ. सुशील गुप्ता, आप प्रदेशाध्यक्ष
-चौ. बीरेंद्र सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री