चंडीगढ़, 21 दिसंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा विधानसभा में मंगलवार को किसानों को उनकी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) निश्चित करने को लेकर काफी हंगामा हुआ। पूर्व मंत्री व तोशाम विधायक किरण चौधरी का इस मुद्दे पर दिया प्रस्ताव नामंजूर होने पर कांग्रेस विधायकों ने शोर-शराब किया। भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को किसान विरोधी बताया। जब स्पीकर ने दो-टूक कहा कि यह मुद्दा केंद्र का है और इस पर चर्चा नहीं होगी तो कांग्रेस ने विरोध में सदन से वॉकआउट किया। दरअसल, किरण ने सत्र की शुरुआत से पहले ही विधानसभा सचिवालय को एमएसपी की गारंटी से जुड़ा प्रस्ताव भेज दिया था। वे चाहती थीं कि सरकार यह प्रस्ताव पास करके केंद्र सरकार के पास भेजे। शून्यकाल के दौरान दुष्यंत चौटाला ने जब हिसार हवाई अड्डे का नाम महाराजा अग्रसेन के नाम पर रखने का प्रस्ताव सदन में रखा तो किरण ने एमएसपी से जुड़े अपने प्रस्ताव को लेकर आवाज बुलंद की। स्पीकर से भिड़ते हुए उन्होंने अपने प्रस्ताव को लेकर सवाल दागा। इस पर स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि उनका प्रस्ताव नामंजूर कर दिया है। यह केंद्र का विषय है और इस पर हरियाणा विधानसभा में चर्चा नहीं हो सकती। इससे पर किरण ने कहा कि जब विधानसभा तीन काले कृषि कानूनों के समर्थन में धन्यवाद प्रस्ताव पास कर सकती है तो एमएसपी के प्रस्ताव से क्यों भाग रही है। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से किसान विरोधी है। कांग्रेस विधायक भी किरण के समर्थन में आवाज बुलंद करते नजर आए।
11 फसलों की हो रही एमएसपी पर खरीद
स्पीकर और विधायकों के बीच होती बहस के बीच संसदीय कार्य मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने पलटवार करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की 11 फसलों को एमएसपी पर खरीद रही है। कांग्रेस राज में केवल दो ही फसलों पर एमएसपी मिलती थी। वर्तमान सरकार जितनी फसलों पर एमएसपी दे रही है, वह देशभर में सर्वाधिक है। काफी देर हंगामे के बाद कांग्रेस विधायकों ने वाकआउट कर दिया।