दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 24 अगस्त
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने राज्य के वरिष्ठ नेताओं के सामने बड़ी चुनौती पैदा कर दी है। अपने-अपने समर्थकों व वर्करों को अगले विधानसभा चुनावों में टिकट का ‘भरोसा’ दे रहे नेताओं को इस बार शायद ‘कोटा सिस्टम’ का लाभ ना मिल पाए। जिस तरह के तेवर बाबरिया के हैं, उससे तो यही लगता है कि वे पार्टी हाईकमान के संदेश को आगे प्रसारित कर रहे हैं। बाबरिया ने दो-टूक कह दिया है कि चुनावों में टिकटों का फैसला योग्यता और मैरिट के आधार पर होगा।
इतना ही नहीं, उन्होंने टिकट के चाहवान नेताओं व वर्करों तक भी यह संदेश पहुंचा दिया है कि बड़े नेताओं के कहे पर भरोसा न करें। अभी से ग्राउंड पर काम शुरू कर दें। जिताऊ, अच्छी छवि और लोगों के बीच पकड़ रखने वाले नेताओं को टिकट आवंटन में कांग्रेस प्राथमिकता देगी। लोकसभा क्षेत्रवार बैठकें कर रहे दीपक बाबरिया चंडीगढ़ के चार दिन के प्रवास के दौरान चार लोकसभा क्षेत्रों के नेताओं से संवाद कर रहे हैं। बुधवार को उन्होंने सिरसा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नौ हलकों – सिरसा, रानियां, ऐलनाबाद, डबवाली, कालांवाली, फतेहाबाद, टोहाना, रतिया व नरवाना हलके के नेताओं के साथ पहले सामूहिक बैठक की। इसके बाद वे हलकावार नेताओं से ग्रुप में भी और वन-टू-वन भी मिले। इसी कड़ी में बृहस्पतिवार को उन्होंने हिसार लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले हलकों – हांसी, नलवा, आदमपुर, हिसार, उकलाना, बरवाला, नारनौंद, उचाना व बवानीखेड़ा हलके के नेताओं से बातचीत कर फीडबैक लिया।
कांग्रेस नेताओं व वर्करों को अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए बाबरिया ने कहा, पार्टी अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी का क्लीयर संदेश है कि पार्टी के खिलाफ चलने वाले और अनुशासनहीनता करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा। मध्य प्रदेश के प्रभारी रहते हुए इस तरह के नेताओं के खिलाफ की गई कार्रवाई का भी उन्होंने जिक्र किया।
हरियाणा में जब भी टिकटों का आवंटन होता है तो यहां के बड़े राजनीतिक घराने और स्थापित नेता अपने-अपने समर्थकों को एडजस्ट करवाने की फिराक में रहते हैं। पहले 2014 और इसके बाद 2019 के विधानसभा चुनाव के नतीजों से सबक लेकर चल रही कांग्रेस ये अच्छे से समझ चुकी है कि कोटा सिस्टम से अगर टिकट बांटे गए तो सत्ता वापसी की राह आसान नहीं होगी। वर्तमान में सबसे बड़ा खेमा पूर्व सीएम व विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा का है।
इसी तरह से एंटी हुड्डा खेमे के नेताओं ने एक हाथ मिला लिए हैं। एक नया ग्रुप-एसआरके यानी कुमारी सैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला और किरण चौधरी की तिकड़ी अब एक प्लेटफार्म पर आ चुके हैं। ये तीनों नेता भी चुनावों के दौरान अपने-अपने समर्थकों को टिकट दिलवाने के लिए पूरा जोर लगाते हैं।
सर्वे बनेगा टिकट आवंटन का आधार
इस बार कांग्रेस द्वारा टिकटों का फैसला करने से पहले सर्वे भी करवाने का निर्णय लिया गया है। सूत्रों का कहना है कि लोकसभा की दस सीटों के लिए संभावित चेहरों को लेकर खुद बाबरिया नेताओं के साथ संवाद के जरिये पैनल बनाने में जुटे हैं। वहीं पार्टी नेतृत्व द्वारा किसी प्राइवेट एजेंसी से भी हरियाणा के मिजाज पता करने तथा जिताऊ उम्मीदवारों का पता लगाने के लिए सर्वे करवाया जाएगा। इसी तरह से विधानसभा चुनावों में भी सर्वे करवाने की योजना है ताकि उसके हिसाब से संभावित उम्मीदवारों के पैनल बन सकें।