कलायत, 31 अगस्त (निस)
हरियाणा सरस्वती हेरिटेज बोर्ड डिप्टी चेयरमैन धुम्मन सिंह किरमच ने बताया कि प्राचीन श्री कपिलमुनि तीर्थ धाम राखीगढ़ी व भीराना की तरह सरस्वती पैलियो चैनल पर स्थित है। यहां आज भी धरातल में सरस्वती नदी बह रही है। जहां-जहां सरस्वती नदी गुजर रही है और जहां पर प्राचीन पुरातात्विक स्थल है, वहां पर पर्यटन केंद्र बनाकर श्रद्धालुओं के लिए हरसंभव सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। डिप्टी चेयरमैन धुम्मन सिंह किरमच बृहस्पतिवार को श्री कपिल मुनि तीर्थ धाम तट पर स्थित सातवीं-आठवीं शताब्दी में पंचरथ शैली में निर्मित प्राचीन शिव मंदिर, शिवालय, स्नान कुंडों और तीर्थस्थल का मौका मुआयना करने पहुंचे थे।
धुम्मन सिंह किरमच ने बताया कि जब से हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी है तब से पर्यटन के क्षेत्र में काफी काम हुआ है और सैकड़ों प्राचीन मंदिरों और तीर्थ का जीर्णोद्धार हुआ है। वर्ष 2008 में जब सरस्वती की धारा श्री कपिल मुनि तीर्थ के किनारे निकली थी तब वह यहां आए थे। तब तीर्थ स्थल की स्थिति कुछ और थी। आर्कियोलॉजिस्ट डिपार्मेंट द्वारा सरस्वती नदी के पैलियो चैनल पर मौजूद घाट का सौंदर्यीकरण व तीर्थ में पानी चलाने का कार्य अच्छे ढंग से किया जा रहा है।
घाट के निर्माण, तीर्थ का पानी बदलने की व्यवस्था की मांग
मौके पर मौजूद पूर्व पार्षद राजू कौशिक, भोला राम, जय किशन आदि गणमान्य लोगों ने डिप्टी चेयरमैन धुम्मन सिंह किरमच को अवगत करवाते हुए बताया कि तीर्थ का पानी बदलने की व्यवस्था न होने के कारण पानी दूषित होने से हजारों मछलियां मर चुकी हैं और पानी दूषित होने से श्रद्धालुओं को भी स्नान करने में भारी परेशानी होती है। उन्होंने डिप्टी चेयरमैन से श्मशान घाट की तरफ घाटों का निर्माण और तीर्थ का पानी बदलने की व्यवस्था करवाये जाने की मांग की। डिप्टी चेयरमैन ने मौजूद लोगों को आश्वासन देते हुए कहा कि प्राचीन पुरातात्विक स्थल के सौंदर्यीकरण, घाट निर्माण व तीर्थ के पानी बदलने आदि मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा।