चंडीगढ़, 1 अप्रैल (ट्रिन्यू)
हरियाणा में बिजली के रेट में बढ़ोतरी की गई है। बेशक, एक ही कैटेगरी के लिए टैरिफ दरों में इजाफा किया गया है, लेकिन इसका असर 68 लाख से अधिक उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। इनमें 10 लाख 25 हजार ऐसे उपभोक्ता हैं, जो बढ़ी हुई दरों से सीधे तौर पर प्रभावित होंगे वहीं 58 लाख 16 हजार से अधिक उपभोक्ताओं पर अप्रत्यक्ष तौर पर असर पड़ने वाला है। यानी 68 लाख से अधिक उपभोक्ताओं पर हर माह 30 करोड़ और सालाना 360 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा।
हरियाणा राज्य बिजली विनियामक आयोग (एचईआरसी) के आदेश के बाद बिजली कंपनियों – उत्तर व दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने पहली अप्रैल से ही नया टैरिफ लागू कर दिया है। बिजली की दरों को लेकर आयोग ने जनवरी माह में सुनवाई भी की थी। इस दौरान बिजली कंपनियों के प्रतिनिधियों के अलावा आम लोगों को भी अपने सुझाव और आपत्तियों के लिए वक्त दिया गया। मार्च में आयोग ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और बृहस्तिवार को आदेश जारी किए।
पिछले साल से चले आ रहे बिजली टैरिफ प्लान की केवल एक कैटेगरी में 25 पैसे प्रति यूनिट का इजाफा किया है। इस कैटेगरी में 0 से 150 यूनिट तक का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को अब ढाई रुपये की बजाय 2 रुपये 75 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिल देना होगा। इन उपभोक्ताओं पर हर माह साढ़े 37 रुपये तथा दो माह के बिल सर्कल में 75 रुपये अधिक की मार पड़ेगी। ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या सवा 10 लाख से अधिक है।
प्रदेश में बिजली दरों के लिए स्लैब बनाया हुआ है। ऐसे में 150 यूनिट से अधिक का इस्तेमाल करने वाले 58 लाख 16 हजार से अधिक उपभोक्ताओं पर भी ये बढ़ी हुई दरें लागू होंगी। इस हिसाब से 68 लाख से अधिक उपभोक्ताओं पर सालाना 360 करोड़ रुपये की मार पड़ेगी। प्रदेश के बीपीएल परिवारों या उन गरीब परिवारों पर बढ़ी हुई दरों का कोई असर नहीं पड़ेगा जो महीने में 100 यूनिट तक बिजली का इस्तेमाल करते हैं।
खेती के लिए बिजली दरें 6 रुपये 67पैसे प्रति यूनिट
हरियाणा में अभी तक किसानों को 10 पैसे प्रति यूनिट बिजली दी जा रही थी। नये टैरिफ में इसे बढ़ाकर 6 रुपये 67 पैसे प्रति यूनिट किया है। हालांकि 10 पैसे की दरों पर भी सरकार की ओर से दोनों वितरण कंपनियों को सब्सिडी दी जाती थी। आयोग ने अपने आदेशों में स्पष्ट कहा है कि सरकार चाहे तो अपने स्तर पर किसानों को सब्सिडी जारी रख सकती है। बशर्ते, सरकार को हर तीन माह में एडवांस सब्सिडी का पैसा बिजली कंपनियों को देना होगा। यहां बता दें कि किसानों को बिजली बिलों पर सालाना 6 हजार 50 करोड़ से अधिक सब्सिडी दी जा रही है।
डीसी को करनी होंगी बैठकें
सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी एक्ट के सैक्शन-166 (5) का उल्लेख करते हुए आयोग ने अपने फैसले में कहा है कि जिलों में गठित स्वर्ण जयंती कमेटियों की नियमित बैठकें की जाएं। इन नियमों के तहत लोगों की बिजली से जुड़ी समस्याओं के समाधान, चोरी रोकने, निगमों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए हर माह इन कमेटियों की बैठक होंगी। डीसी की अध्यक्षता में बनी कमेटियों की बैठकें नहीं हो रहीं।
इस साल के लिए यह रहेगा टैरिफ
कैटेगरी रेट
0-50 यूनिट 2.00
51-100 यूनिट 2.50
0-150 यूनिट 2.75
151-250 यूनिट 5.25
251-500 यूनिट 6.30
501-800 यूनिट 7.10
801 से अधिक 7.10 रु फ्लैट
(बिजली की दरें रुपये में हैं)