जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 14 मई
कांवला और खतौली डेयरी एसोएिशन ने अम्बाला शहर क्षेत्र में चल रही अवैध डेरियों को हटाने के लिए नगर निगम आयुक्त को अपने वकील के माध्यम से 30 दिन का अल्टीमेटम नोटिस दिया है। निर्धारित समयावधि में अवैध डेरियां नहीं हटवाने पर यूनियनों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी भी दी है।
दरअसल एक अनुमान के अनुसार वर्तमान में अम्बाला शहर नगर निगम के क्षेत्र में 100 से ज्यादा दूध की डेरियां चल रही हैं जिनमें बड़ी संख्या में दुधारू मवेशी हैं। खतौली डेरी यूनियन के प्रधान नितिन सभरवाल और कांवला डेरी यूनियन के प्रधान ऋषिपाल ने वकील के माध्यम से नोटिस भेजकर निगम प्रशासन को एक तरह से अवैध डेरियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने पर मजबूर करने का काम किया है। यह मामला इसलिए तूल पकड़ गया है कि सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर स्थापित दोनों डेरी कांप्लेक्सों में शिफ्ट हुए डेरी संचालकों पर गोबर का वैज्ञानिक तरीके से रोजाना निपटान करने और संबंधित डेरी को पार्टल पर पंजीकत करवाने आदि के लिए नोटिस भेजने से हुआ।
इस विषय में कांप्लेक्सों में शिफ्ट हुए डेरी संचालकों का कहना है कि खतौली कांप्लेक्स में तो निकासी का प्रबंध ही नहीं है। साथ ही दोनों कांप्लेक्सों के डेरी संचालकों को गोबर के वैज्ञानिक निपटान के लिए न तो कोई प्रशिक्षण दिया गया और न ही उसका कोई प्रबंध ही किया जा रहा है जबकि इस संबंध में हुई बैठकों में निगत आयुक्त द्वारा कार्यकारी अभियंता को आदेश दिए गए थे जिस पर उन्होंने एक दो दिन में प्रोजेक्ट प्लान देने की बात कही थी लेकिन नतीजा शून्य निकला।
यूनियन प्रधानों की माने तो इन बैठकों में बाकायदा ऐसे डेरी संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की स्वीकृति दी गई थी जो प्लाट लेने के बाद वापस शहर में शिफ्ट हो गए अथवा अपने प्लाटों को किराए पर देकर शहर में शिफ्ट हो गए। कांप्लेक्सों में शिफ्ट डेरी संचालकों का स्पष्ट कहना है कि निगम उन पर तो समय समय पर नए नए कानून थोपता रहता है लेकिन अवैध रूप से शहर में डेरियां चलाने वालों पर अनुकंपा बनाए हुए है और उनके खिलाफ दिखावे की कार्रवाई करता है। ऐसे में कांप्लेक्सों में शिफ्ट हुए डेरी संचालक चारों ओर से शोषण का शिकार होकर रह गए हैं। हालांकि कुछ समय पूर्व निगम की टीम ने शहर से संचालित कई डेरियों के पानी बिजली के कनेक्शन काट दिए थे लेकिन यूनियनों का कहना है कि बाद में काटे सभी कनेक्शन जोड़ लिए गए और किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किया जाना मिलीभगत का स्पष्ट परिणाम है।
कार्रवाई न हुई तो अफसरों को बनाया जाएगा पार्टी
डेरी यूनियन प्रधानों ऋषिपाल और नितिन सभरवाल ने बताया कि बहुत बुरी तरह से उत्पीड़न सहने और नगर निगम द्वारा बार-बार मूर्ख बनाए जाने से तंग आकर उन्हें 30 दिन में सभी अवैध डेरियों को बंद करवाने के लिए नोटिस देना पड़ा है। यदि निगम आशानुरूप कार्रवाई नहीं करता तो अधिकारियों को अदालत में पार्टी बनाया जाएगा।