नवीन पांचाल/हप्र
गुरुग्राम, 7 सितंबर
बरसाती पानी की निकासी के लिए कार्ययोजना बनाने के लिए गठित ड्रेनेज प्लान कमेटी की पहली बैठक एडिशनल कमिश्नर जसप्रीत कौर की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में तय किया गया योजना तैयार करने के लिए जमीनी सर्वे किया जाए। कमेटी के सदस्य उन स्थानों का दौरा करें जहां जलभराव होता है या जलभराव के कारणों को तलाश करें। कमेटी को अपनी रिपोर्ट 30 सितंबर को निगम कमिश्नर को सौंपनी है।
बीते कई साल से बारिश के कारण जलभराव की स्थिति से जूझते शहर को राहत दिलवाने के निगम की एक कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी शहरी क्षेत्र में होने वाले जलभराव के कारणों की तह तक जाएगी और उसके समाधान के उपाय भी सुझाएगी। कमेटी के सदस्य बनाए गए पार्षदों ने पहली बैठक में कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। पार्षद वीरेंद्र राज ने निगम द्वारा तैयार तीन प्राकृतिक नालों की सूची पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘इस सूची में सबसे पहले नाले को शामिल ही नहीं किया गया है। नाथूपुर स्थित अरावली हिल्स से निकलने वाला पानी का बहाव इस नाले से होकर नजफगढ़ ड्रेन तक पहुंचता था, लेकिन अब इसके स्थान पर एंबीएंस मॉल बन गया है। जिसने इस नाले को अस्तित्व ही समाप्त कर दिया।’ पार्षद कुलदीप यादव ने सलाह दी, ‘एक्सईएन प्रत्येक वार्ड पार्षद के साथ मौके का दौरा कर वास्तविक स्थिति का आकलन करें तथा प्रत्येक गांव के उन जोहड़ को पुर्नजीवित किया जाए, जिनका अस्तित्व पिछले 20 सालों में समाप्त कर दिया गया है।’ उन्होंने कहा, ‘बिल्डर्स को लाभ पहुंचाने के चक्कर में सबसे बड़े प्राकृतिक बहाव वाली बादशाहपुर ड्रेन को संकीर्ण कर इसका अस्तित्व सिमटा दिया गया है, जबकि वर्तमान क्षमता से कम से कम चार गुणा क्षमता वाली ड्रेन थी।
सदस्यों ने उठाए सवाल
मेयर मधु आजाद द्वारा गठित इस कमेटी पर पहले दिन से ही सवाल उठाए जा रहे हैं। पहली बैठक में कमेटी के सदस्यों ने भी सवाल उठाया कि जब शहर के सभी बड़े नालों की देखरेख की जिम्मेदारी जीएमडीए के पास है तो उनके अधिकारियों को कमेटी में शामिल क्यों नहीं किया गया। इसके साथ ही कमेटी में इस विषय से संबंधित रिटायर्ड चीफ इंजीनियर स्तर के अधिकारी को भी शामिल किए जाने की वकालत सदस्यों ने की।