फरीदाबाद, 30 मई (हप्र)
औद्योगिक नगरी में अब स्टिल्ट पार्किंग के साथ चार मंजिला इमारतों का निर्माण और खरीदफरोख्त नहीं हो सकेगी। हरियाणा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग द्वारा आदेश जारी करने के बाद शहर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया है जबकि फरवरी 2023 से पहले बने इन निर्माणों पर कोई खतरा नहीं है। जो फरवरी 2023 के बाद बिना नक्शा पास किए चार मंजिला निर्माण हुए हैं, उनका सरकार द्वारा चयन शुरू कर दिया गया है। इसके बाद इन पर गाज गिरेगी। उन आर्केटेक्टों को भी चयनित किया जा रहा है जिन्होंने रुपयों का बड़ा गोल-माल कर इन अवैध भवनों पर ऑक्यूपेशन सार्टिफिकेट दिया है। जिन परिवारों ने यह मकान खरीद लिए हैं वह परेशान हैं कि अब उनके मकानों का क्या होगा। उन्होंने बिल्डरों को पैसा देकर रजिस्ट्री तक करवा ली है, अगर सरकार द्वारा कोई पॉलिसी नहीं लाई गई जो वह परिवार सड़क पर जा जाएंगे। इसलिए सभी बिल्डरों, प्रॉपर्टी डीलरों व फ्लैट खरीदने वालों की निगाहें सरकार की पॉलिसी पर लगी हुई है।
वैसे एक अनुमान के मुताबिक एक हजार से अधिक करीब चार मंजिला बने होंगे जिन पर कार्रवाई होगी। उन्हें खुद ही तोड़ना होगा। हालांकि अभी विभाग इसको लेकर विस्तार से सर्वे करेगा। द इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्केटेक्ट ने इस आदेश का स्वागत किया है और डिटेल में जांच करवाने की मांग की है।
क्या कहता है इंडियन इस्टीट्यूट ऑफ आर्केटेक्ट सेंटर
इंडियन इस्टीट्यूट ऑफ आर्केटेक्ट फरीदाबाद सेंटर चेयरमैन निर्मल मखीजा का कहना है कि हरियाणा सरकार ने जो फैसला लिया है कि जिस किसी आर्केटेक्ट ने ऑक्यूपेशन सार्टिफिकेट जारी किया होगा। उसके खिलाफ कार्रवाई होगी, इस फैसले का हम स्वागत करते हैं। इसकी तो पूरी तरह से जांच होनी चाहिए कि सरकार की रोक के बावजूद चौथी मंजिल का निर्माण कैसे हो गया और सार्टिफिकेट किसने दिया।
‘नियम स्पष्ट करे सरकार’
फरीदाबाद स्टेट एजेंट वेलफेयर एसेासिएशन के अध्यक्ष आकाश गुप्ता का कहना है कि हरियाणा सरकार ने पिछले साल नक्शे पर रोक लगा दी थी। कमेटी ने रिपोर्ट सबमिट कर दी थी। सरकार को निर्णय लेना चाहिए कि करना क्या है। नई पॉलिसी को भी जारी करना चाहिए। आम लोग डर गए हैं। जो लोग फोर्थ फ्लोर में रह रहे हैं, वह भी डर गए हैं, इसलिए सरकार को नियमों में स्पष्ट करना चाहिए। इसके अलावा जिन फ्लैटों को बिल्डर ने सरकार से नक्शा पास करके बनवाया वह अवैध नहीं है। जिन्होंने बिना नक्शा पास कर भवन बनाए उन्हें भी अब तोड़ना उचित नहीं है। उनसे अतिरिक्त फीस लेकर मंजूरी देनी चाहिए।
क्या कहते हैं डीटीपी
फरीदाबाद के डीटीपी राजेन्द्र का कहना है कि इस बारे में उनके पास कोई सूचना नहीं है। अभी कार्यालय पहुंच कर इस बारे में पता करेंगे। उसके बाद ही कुछ बता सकते हैं।
यह है मामला
सरकार ने 180 गज से ज्यादा के प्लॉट पर स्टिल्ट पार्किंग के साथ चार मंजिला इमारत बनाने की इजाजत दी हुई थी। लोग 180 गज या इससे ज्यादा के प्लॉट खरीदकर उस पर चार मंजिला इमारत धड़ल्ले से बना रहे थे। क्योंकि चार मंजिला इमारत बनाने के बाद वह फ्लैट अलग-अलग कीमत में बिक जाते थे। ये काम नगर निगम के पुराने रिहायशी इलाकों में होने लग गया लेकिन इसका लोगों ने विरोध किया। लोगों ने कहा कि पुराने इलाकों में नियमों को ताक पर रखकर निर्माण किया जा रहा था जिससे साथ के मकानों में दरारें आ रही थी इसलिए सरकार ने इस पर पिछले साल 23 फरवरी, 2023 को रोक लगा दी। सरकार ने कहा कि जब तक एक्सपर्ट कमेटी अपनी राय नहीं दे देती तब तक चार मंजिला इमारत निर्माण पर रोक रहेगी। इस फैसले से फरीदाबाद में रियल एस्टेट सेक्टर को नुकसान हुआ था। फिलहाल सरकार ने एक्सपर्ट कमेटी से प्लान भी तैयार कराया था लेकिन उसको अभी लागू नहीं किया गया है। अब सरकार ने फिर से आदेश जारी कर कहा है कि चार मंजिला इमारत पर रोक है और जिसने भी एक साल के दौरान बनाया होगा उसे खुद तोड़ना होगा।