दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 9 जून
हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के ड्रीम प्रोजेक्ट परिवार पहचान-पत्र (पीपीपी) के अलावा प्रॉपर्टी आईडी और अन्य सभी पोर्टल पहले की तरह चलते रहेंगे। किसी भी ऑनलाइन सर्विस को ऑफलाइन नहीं किया जाएगा। न ही कोई पोर्टल बंद होगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पूर्व सीएम मनोहर लाल द्वारा शुरू की गई ऑनलाइन सेवाओं को बड़ा बदलाव बताते हुए दो-टूक कहा है कि सरकार इन्हें आगे बढ़ाएगी। इनमें आ रही कमियों को दूर किया जाएगा। इनका सरलीकरण जरूर होगा।
लोकसभा चुनावों में उठे प्रॉपर्टी आईडी, परिवार पहचान-पत्र, जमीनों की रजिस्ट्री, एनडीसी, मकानों-दुकानों का नक्शा पास करवाने में आई दिक्कतें, बीपीएल कार्ड व पेंशन कटना जैसे मुद्दों को नायब सरकार ने गंभीरता से लिया है। सीएम के निर्देशों पर मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने सभी जिलों के डीसी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये इन मुद्दों को लेकर बैठक की। सोमवार से सभी जिलों में डीसी और सब-डिवीजन पर एसडीएम ‘समाधान शिविर’ लगाएंगे। सुबह 9 बजे से 11 बजे तक ये शिविर चलेंगे। इस दौरान कंप्यूटर-लैपटॉप के साथ ऑपरेटर मौजूद रहेंगे। डीसी के साथ संबंधित जिले का पुलिस आयुक्त/पुलिस अधीक्षक, नगर निगम आयुक्त, नगर परिषद ईओ, नगर पालिका सचिव, विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारी, बिजली, पब्लिक हेल्थ, समाज कल्याण, खाद्य एवं आपूर्ति, राजस्व सहित दूसरे विभागों के अधिकारी मौजूद रहेंगे।
इसी तरह एसडीएम के साथ डीएसपी व उपमंडल स्तर के सभी अधिकारी मौजूद रहेंगे। समाधान शिविर नियमित रूप से चलेंगे। केवल शनिवार-रविवार और सरकारी छुट्टी वाले दिन ही ये बंद रहेंगे। जिलों के अधिकारियों को दो-टूक कहा गया है कि लोगों की समस्याओं का मौके पर ही समाधान करने की कोशिश की जाए।
अगर कोई समस्या ऐसी है, जिसमें समय लग सकता है या पॉलिसी मैटर है तो उसके लिए शिकायतकर्ता के पास पंद्रह दिन के भीतर जवाब भेजना होगा। उसे लिखित में यह बताना होगा कि संबंधित समस्या का समाधान कितने दिनों में होगा। अगर समस्या का समाधान संभव नहीं है तो इसके बारे में भी बताना होगा।
प्रॉपर्टी आईडी से हुआ बखेड़ा
दरअसल, शहरों में प्रॉपर्टी आईडी को अनिवार्य किया है। बिना प्रॉपर्टी आईडी के जमीनों की रजिस्ट्री नहीं होती। प्रॉपर्टी आईडी के बिना शहरी स्थानीय निकायों द्वारा अनापत्ति प्रमाण-पत्र नहीं दिया जाता। ऐसे में मकानों-दुकानों के नक्शे भी पास नहीं होते। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद विधायक दल की बैठक में अधिकांश मंत्रियों व विधायकों ने सीएम के सामने प्रॉपर्टी आईडी का मुद्दा उठाया। इसके बाद ही मुख्य सचिव कार्यालय में समाधान प्रकोष्ठ स्थापित करने का फैसला हुआ और जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए।
परिवार पहचान पत्र से भी आ रही परेशानी
परिवार पहचान-पत्र अपने आप में यूनिक प्रोग्राम है। लेकिन इसकी कुछ कमियों की वजह से चुनावों के दौरान लोगों में नाराजगी भी देखने को मिली। पीपीपी के जरिये घर बैठे ही लाखों लोगों के बीपीएल कार्ड बने हैं। दो लाख के लगभग बुजुर्गों की घर बैठें पेंशन शुरू हुई है। हालांकि पीपीपी में आय अधिक दर्शाए जाने के कारण कई परिवार बीपीएल कैटेगरी से कट भी गए हैं। बुजुर्गों की पेंशन भी बंद हुई है। अब सरकार ने तय किया है कि ऐसी सभी कमियों को दूर किया जाएगा।
इस तरह से निपटाए जाएंगे विवाद
समाधान शिविर में आने वाली समस्याओं का रोजाना का रिपोर्ट कार्ड मुख्य सचिव कार्यालय में स्थापित किए गए स्थापित समाधान प्रकोष्ठ में भेजना होगा। मुख्य सचिव इसकी निगरानी करेंगे। सीएम भी रोजाना इस पर फीडबैक लेंगे। इतना ही नहीं, मुख्य सचिव संबंधित विभागों के प्रशासनिक सचिवों के साथ चंडीगढ़ में भी हर सप्ताह बैठक करेंगे ताकि पॉलिसी मैटर से जुड़ी समस्याओं का समाधान ढूंढा जा सके।