प्रथम शर्मा/हप्र
झज्जर, 2 दिसंबर
कृषि अध्यादेशों को लेकर इन दिनों सिंघु बार्डर और टीकरी बॉर्डर पर चल रहे किसानों के धरने को सुव्यवस्थित ढंग से चलाने के लिए अब रणनीति तैयार होनी शुरू हो गई है। इसके लिए जत्थेबंधियों के पांच-पांच वालंटियर बनाए गए है। हर जत्थेबंधी एक-एक घंटे तक मंच का संचालन भी करेगी।
यह निर्णय बुधवार को यहां टीकरी बॉर्डर पर हुई किसानों की बैठक में लिया गया। बैठक के शुरू होते ही हर मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई। चर्चा के दौरान हर वक्ता ने आंदोलन को सुव्यवस्थित ढंग से चलाने और इस आंदोलन को कमजोर करने वालों पर बारीकी से नजर रखने की भी बात कही गई।
इस बात को लेकर भी मंत्रणा हुई की हो सकता है कि सरकार के इशारे पर कोई बाहरी व्यक्ति घुसपैठ कर आंदोलन को कमजोर करने की दिशा में काम करे। इसके लिए सतर्कता बरतनी जरूरी है। साथ ही कृषि कानून पर आपत्तियों की लिखित सूची भी तैयार रखने व उस पर कार्रवाई के लिए सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसान संगठनों के संपर्क में रहने की भी बात कही गई। ब
बैठक में यह भी तय किया गया कि कृषि अध्यादेशों को लेकर जो भी सरकार या फिर उसके प्रतिनिधियों से वार्ता होगी उसे मंच से ही सभी के सामने रखा जाएगा। आंदोलन को शांतिप्रिय ढंग से चलाने पर भी सहमति बनी। सभी से आह्वान किया गया कि कोई भी उग्र प्रदर्शन नहीं करेगा।
खापों का आना हुआ शुरू
कृषि अध्यादेशों को लेकर अब दिल्ली सीमा के टीकरी बॉर्डर पर खापों का आना भी शुरू हो गया है। हर रोज किसी ने किसी खाप संगठन के लोग अपने पूरे लाव-लश्कर के साथ यहां धरनास्थल पर पहुंच रहे है और किसानों के इस आंदोलन को अपना समर्थन भी दे रहे है। सभी का कहना है कि जिस तरह से इस किसान आंदोलन में पूरे देशभर से किसानों को समर्थन मिल रहा है उससे लगता है कि हर हाल में इन कानूनों को वापस लेने के लिए सरकार को मजबूर होना पड़ेगा।
जज्बे को सलाम
सोनीपत (हप्र): तीन कृषि कानूनों के खिलाफ धरनारत किसानों को समर्थन देने वालों के जोश और जज्बे को सलाम बनता है। ऐसा ही एक मामला सामने आया बुधवार को। जब 225 किलोमीटर की साइकिल यात्रा करके संगरूर से एक उद्योगपति जसप्रीत सिंह और गृहिणी मेघा किसानों को समर्थन करने के लिए पहुंचे। इन्हें पता चला कि पंजाब के हजारों किसान सोनीपत के कुंडली बॉर्डर पर धरना दिए बैठे हैं। दोनों पंजाब के संगरूर से 225 किलोमीटर साइकिल चलाकर कुंडली बॉर्डर पर पहुंचे है।