बल्लभगढ़ (निस)
शिव महापुराण कथा के अंतिम दिन कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि ज्ञान, धर्म, भक्ति का मूल है। पांच दान यश, मान, कीर्ति, नम्रता, सरल, सत्य स्वयं परमात्मा है। कलियुग, कलियुग नहीं है बल्कि करयुग है, अर्थात जैसी करनी वैसी भरनी। पंडित प्रदीप मिश्रा ने पैसे को लेकर कहा कि अगर आपके पास पैसा है और बच्चों में संस्कार न हों तो पैसा होना बेकार है इसलिए बच्चों को संस्कार दें क्योंकि वह तमाम पैसों को किसी न किसी गलत रास्ते लगा देंगे। इस मौके पर उन्होंने 12 ज्योतिर्लिंगों की कथा का संक्षिप्त में वर्णन किया। वहीं इस अवसर पर पंडाल में पहुुंचने वाले अतिथियों का स्वागत किया। उद्योगपति प्रवीण पाराशर व हेमलता पराशर द्वारा शिव महापुराण सेक्टर-66 स्थित फायर बिग्रेड कार्यालय के समक्ष आईएमटी में आयोजित कराई गई।