रोहतक, 9 दिसम्बर (हप्र)
हरियाणा के प्राइवेट स्कूल लम्बे अरसे से मान्यता लेने सम्बंधी नियमों के सरलीकरण की मांग कर रहे हैं। हरियाणा में भाजपा सरकार ने दो दिन पहले अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों को एक्सटेंशन देकर राहत देने के साथ-साथ उनमें पढ़ने वाले 10 से 12 लाख छात्रों को बड़ी राहत दी थी। अब स्कूल नियमों में सरलीकरण की मांग पर डटे हैं। झज्जर रोड़ स्थित भारत टेक कन्या गर्ल्ज़ हाई स्कूल में प्रदेश भर के प्राइवेट स्कूल संचालकों की बैठक को संबोधित करते हुए वन स्टेट वन यूनियन के चेयरमैन सुमित चावला ने कहा कि हरियाणा में 2003 से पहले प्राइवेट स्कूल खोलने के लिए शिक्षा विभाग में कोई नियम नहीं थे। जब हरियाणा में इनेलो की सरकार बनी तो उस समय प्राइवेट स्कूल खोलने के लिए नए नियम निर्धारित किये गए। जिससे बहुत से स्कूल स्थाई मान्यता लेने से वंचित रह गए और 2003 से अब तक अस्थाई मान्यता के तौर पर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 40 सालों से भी ज्यादा समय से चल रहे अस्थाई मान्यता वाले स्कूलों ने हुड्डा सरकार से उन्हें स्थाई मान्यता देने की मांग की थी लेकिन हुड्डा सरकार ने 2007 से पहले ऐसे उन सभी अस्थाई मान्यता और परमिशन को एक ही कैटेगरी में रख दिया। 2003 से पहले स्थापित अस्थाई मान्यता और परमिशन को एक ही मान लिया गया। हरियाणा में 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में प्राइवेट स्कूलों को राहत देने की बात कही थी। अगर अब उन पर नए नियम थोपे गए तो ये उन पिछले 40 सालों से ज्यादा समय से चल रहे स्कूलों का हनन होगा और वे बन्द हो जायेंगे।