अम्बाला शहर, 1 जनवरी (हप्र)
हरियाणा के स्थानीय निकायों में कर्नाटक जैसा दलबदल विरोधी कानून लागू करने की मांग को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा शहरी निकास मंत्री अनिल विज को पत्र लिखा गया है। मेयर व नगर परिषद अध्यक्षों के प्रत्यक्ष चुनावों में कई जगह मेयर से संबंधित पार्टी को बहुमत हासिल नहीं है। वैसी परिस्थितियों में शहरी निकायों में दलबदल का खेल प्रारंभ नहीं हो और जनता द्वारा दिए गए फैसले का अपमान नहीं हो, इसलिए यह मांग की गई है।
अपने पत्र में शहर निवासी हाईकोर्ट के वकील हेमंत ने कहा कि जैसे कर्नाटक में वर्ष 1987 में स्थानीय निकायों संस्थानों में निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा दलबदल रोकथाम के लिए कानून बना लागू किया गया ऐसा कानून बन जाने के बाद नगर निकाय सदस्यों द्वारा दलबदल करने से उनकी नगर निगम सदस्यता ही चली जायेगी। उन्होंने बताया कि भारत के संविधान की दसवीं अनुसूची में जो दल बदल विरोधी रोकथाम कानून हैं, वह केवल संसद, लोकसभा, राज्यसभा और राज्य विधानमंडलों, विधानसभा, विधान परिषद पर लागू होता है, शहरी स्थानीय निकाय संस्थानों जैसे नगर निगमों, परिषदों, पालिकाओं पर नहीं। ऐसे में बहुमत नहीं होने की स्थिति में कहीं भी विपक्षी पार्षद कभी भी औपचारिक या अनौपचारिक रूप से मेयर या अध्यक्ष के खेमों, पार्टियों में शामिल हो सकते हैं। दरअसल बीती 27 दिसंबर को हरियाणा की तीन नगर निगमों पंचकूला, अम्बाला और सोनीपत के मेयर पद और सभी के 20-20 वार्डों के पार्षद पद के लिए हुए आम चुनावों में पंचकूला में भाजपा के कुलभूषण गोयल, अम्बाला में हरियाणा जनचेतना पार्टी-वी की शक्ति रानी शर्मा और सोनीपत में कांग्रेस के निखिल मदान मेयर पद पर सीधे निर्वाचित हुए हैं। अम्बाला में मेयर पद पर हरियाणा जनचेतना पार्टी हजपा-वी की शक्ति रानी शर्मा मेयर निर्वाचित हुई हैं हालांकि निगम के 20 वार्डों में से उनकी पार्टी हजपा के 7 प्रत्याशी ही चुने गए हैं। यहां भाजपा के 8, कांग्रेस के 3 और निर्मल सिंह की हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट -एचडीएफ ने 2 पार्षद निर्वाचित हुए है। मेयर शक्तिरानी शर्मा सहित हजपा के निगम सदस्यों की संख्या 8 बनती है जो अम्बाला नगर निगम सदन की एक-तिहाई है। पंचकूला नगर निगम में भाजपा के पास साधारन बहुमत तो है लेकिन दो-तिहाई नहीं। वहीं सोनीपत नगर निगम में कांग्रेस पार्टी द्वारा मेयर पद जीतने के बावजूद निगम में कांग्रेस का बहुमत नहीं है। ऐसे में दलबदल अथवा भ्रष्टाचार का खेल बड़े पैमाने पर खेला जा सकता है।