जगाधरी, 7 अगस्त (निस)
हजारों साल पुराने सूर्यकुंड मंदिर अमादलपुर की ख्याति व प्रसिद्धि देश-विदेश में बरकरार है। बताया जाता है कि यहां पर भगवान श्रीराम के वंशजों ने राजसूय यज्ञ किया था। इसमें भगवान श्रीकृष्ण भी आए थे। वहीं वनवास के दौरान पांडव भी यहां पर ठहरे थे।
उसी समय का यहां पर सरोवर बना हुआ है। सूर्यकुंड मंदिर प्रांगण में उपस्थित प्राणी पर ग्रहण की किरणों का असर नहीं होता। इसके अलावा सरोवर के जल से स्नान करने पर चर्मरोग से राहत मिलती है।
प्राचीन सूर्य कुंड मंदिर के सरोवर के जीर्णोद्धार की मांग उठने लगी है। पूर्व चेयरमैन मोहन गुर्जर, विनोद कुमार, रमेशचंद, पार्षद देवेंद्र सिंह, रामधन, ध्यान सिंह, शिव कुमार, धर्मपाल आदि ने मुख्यमंत्री से इस पवित्र सरोवर का बिना इसका स्वरूप बदले जीर्णोद्धार कराने की मांग की है।
सरोवर को भव्य रूप देने की इच्छा : महंत
प्राचीन सूर्यकुंड मंदिर के महंत डा. गुणप्रकाश चैतन्य महाराज का कहना है कि इस बारे में स्थानीय विधायक घनश्याम दास अरोड़ा, शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर से भी मदद की गुजारिश की जाएगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के संज्ञान में भी इस विषय को लाया जाएगा। उनका कहना है कि इस सरोवर के चारों तरफ पगडंडी, डेकोरेटिड लाइटें व बैठने के लिए प्रबंध कराया जाएगा। इसे इस तरह से तैयार कराने का प्रयास किया जाएगा कि रात को चंद्रमा की रोशनी सरोवर पर पड़े। उनकी मंशा सरोवर पर काशी विश्वनाथ मंदिर बनारस की तर्ज पर रोजाना आरती कराने की भी है।