चंडीगढ़, 29 मई (ट्रिन्यू)
प्रदेश में चल रही हीट वेव के प्रभाव से पशुधन के बचाव के लिए पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। केंद्र तथा प्रदेश सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी सभी अधीनस्थ कार्यालयों को भेजकर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। सभी जिला स्तरीय उपनिदेशकों को अपने जिले के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
विभाग द्वारा प्रिंट तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अतिरिक्त पशु चिकित्सालय एवं औषधालयों पर कार्यरत अमले के माध्यम से पशुपालकों को पशुधन को लू से बचाने के उपायों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। पशुपालन विभाग के महानिदेशक डॉ़ एलसी रंगा ने बताया कि सभी उपनिदेशकों को अपने जिले की पशु संस्थाओं में आवश्यक दवाइयों का स्टॉक रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए उन्हें आवश्यक बजट जारी कर दिया है। विभाग के अमले को पशु संस्थाओं में बनी हुई पानी की खालों की मरम्मत करवा कर उनमें पानी भरवाने के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही, विभाग ने पशुओं को मुंह खुर व गलघोंटू आदि रोगों से बचाव के लिए टीकाकरण समय पर पूरा कर लिया है। डॉ़ रंगा ने कहा कि पशुधन को लू के प्रकोप से बचाने के लिए पशुपालकों द्वारा विभिन्न उपाय किए जाने चाहिए। पशुओं को छाया वाले स्थान जैसे पेड़, शेड या छत वाली संरचनाओं में रखें ताकि वे धूप से बच सकें।
पशु आवास की छतों को पुआल या टाट आदि से ढक दें या इंसुलिन लगाएं ताकि बाड़े में गर्मी कम हो। पशु आवास में पंखे, स्प्रिंकलर का उपयोग करें ताकि हवा का संचार और ठंडक बनी रहे। खिड़कियां और दरवाजे खोलकर रखें और उन पर गीले बोरे लटकाएं ताकि प्राकृतिक ठंडक मिल सके। पशुओं को ताज़ा और साफ पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराएं। धातु के बर्तन की बजाय प्लास्टिक या मिट्टी के बर्तन का उपयोग करें ताकि पानी ठंडा रहे।