डबवाली, 10 जून (निस)
प्रदेश में मुख्यमंत्री चेहरा बदलने के बाद नये मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार नहरी पानी पर (सिंचाई कर) आबियाना को खत्म करने की घोषणा को भूल गयी है। सरकार ने नंबरदारों को सूचियां थमा कर जून माह में पुन: किसानों को आबियाना हेतू निर्देश दिए हैं। वसूली की अंतिम तारीख 30 जून तय की गई है। अब कहा जा रहा है प्रदेश सरकार उक्त घोषणा की नोटिफिकेशन ही जारी करना भूल गई। 24 फरवरी को पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा आबियाना बंद करने की बजट घोषणा की गई थी, जिसके अंतर्गत 4299 गांवों के किसानों की 140 करोड़ रुपये की बकाया राशि माफ हुई। जिससे प्रदेश के किसानों को 54 करोड़ रुपये की वार्षिक राहत मिलती। बता दें कि प्रदेश में सिंचाई हेतू 16 हजार 932 आउटलेट तय हैं। आबियाना की बकाया राशि के तहत करीब 24 लाख हेक्टेयर भूमि आती है। जिसमें रबी फसलों के अन्तेगत 12 लाख हेक्टेयर व खरीफ फसलों के तहत 12 लाख हेक्टेयर भूमि है। ग्रामीण आंचल में चर्चा है कि यदि सरकार ने आबियाना खत्म करने का फैसला सोच-समझ कर उलटाया है तो निकटवर्ती विधानसभा चुनाव में भाजपा को ग्रामीण आंचल में बड़ा खामियाजा झेलना पड़ेगा। ऐसे में अब पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा आबियाना समाप्ति की घोषणा के चलते प्रदेश के किसान आबियाना देने को तैयार नहीं होंगे। इससे पूर्व प्रति वर्ष रबी फसलों के आबियाना वसूली की सूची 15 मई तक जारी होती थी, अव सूचियां एक माह देरी से आने के चलते आबियाना वसूली नंबरदारों के लिए भी बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। नंबरदार एसोसिएशन के जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष जयदयाल मेहता ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा समाप्त करने के बाद आबियाना फिर से वसूलना पूरी तरह से गलत है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा को तुरंत लागू करते हुए आबियाना रद्द करना चाहिए। यदि सरकार ऐसा नहीं करती तो उसे पुन: आबियाना लगाने का कारण बता कर वसूली की तारीख भी 30 जून से बढ़ा कर 30 जुलाई तक की जाए. ताकि किसानों को समझाकर पूरी वसूली की जा सके।