पुरुषोत्तम शर्मा/हप्र
सोनीपत, 12 अक्तूबर
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) और डीसी के आदेशों को दरकिनार करके खनन कंपनियां यमुना तटबंध का वाहनों के लिए खुलेआम इस्तेमाल कर रही हैं। हाल यह है कि जानकारी होने पर इस पर रोक लगाने की बजाये पुलिस कार्रवाई में ही लापरवाही बरत रही है। अब हालत यह हो गई है कि यमुना का तटबंध बदहाल हो गया है और ग्रामीण वाहनों से परेशान हैं। वे बार-बार शिकायत लेकर प्रशासन के द्वार आते हैं, लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नहीं है। गौरतलब है कि 7 अक्तूबर को जैनपुर के ग्रामीणों ने खनन कंपनी योद्धा माइन्स के वाहनों को रोक कर विरोध प्रदर्शन किया था। इसके चलते मौके पर पुलिस भी पहुंची थी। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने उनकी समस्या सुनने की बजाये झूठ बोल दिया कि कंपनी के पास तटबंध के इस्तेमाल का आदेश है।
ग्रामीण जब यह मामला डीसी के पास लेकर पहुंचे तभी साफ हुआ कि इस तरह के कोई आदेश है ही नहीं। उल्टा एनजीटी और जिला प्रशासन की ओर से स्पष्ट निर्देश हैं कि खनन के लिए तटबंध का प्रयोग नहीं किया जा सकता है।
कार्रवाई में भी आनाकानी
खनन कंपनियों के साथ पुलिस की मिलीभगत की स्थिति यह है कि इस मामले में तीन दिन पहले सिंचाई विभाग के एसडीओ ने मुरथल थाना पुलिस को शिकायत दी थी। आज तक पुलिस ने कंपनी के खिलाफ तटबंध के दुरुपयोग और एनजीटी के आदेशों के उल्लंघन का केस दर्ज नहीं किया। इस बारे में पुलिस अधीक्षक से संपर्क का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
आरोप बेबुनियाद
मुरथल थाना प्रभारी राजीव कुमार का कहना है कि पुलिस पर जो आरोप लगाये जा रहे हैं, वह बेबुनियाद हैं। उन्होंने बताया कि बल्कि कुछ ग्रामीण ही बार-बार रास्ता रोकते हैं, यह गैर कानूनी तरीका है। जब उनसे पूछा गया कि तटबंध का प्रयोग करना भी गलत और गैर कानूनी है, तो उन्होंने कहा कि यह देखना प्रशासन की जिम्मेदारी है।
दूसरे रास्ते से निकाले जा रहे डंपर
बैकफुट पर आई पुलिस ने वाहनों पर रोक लगा दी, लेकिन देर शाम को ही फिर से वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी गई। इस बार कोई बखेड़ा न हो, इसके लिए खनन कंपनी से मिलीभगत करके पुलिस कर्मचारियों ने जैनपुर की बजाये बख्तावरपुर गांव से वाहनों को निकालना शुरू कर दिया है। जबकि तटबंध का इस्तेमाल यथावत हो रहा है। इसके बाद ग्रामीणों ने मोबाइल से वीडियो बनाकर डीसी के संज्ञान में फिर यह मामला ला दिया है। ग्रामीणों की ओर से दी गई वीडियो फुटेज में दिख रहा है कि यमुना तटबंध से रेत के डंपर गुजर रहे हैं। इससे तटबंध टूटने लगा है। वाहनों का बोझ बढ़ता जा रहा है। जबकि इन पर रोक लगाने के लिए विशेष तौर पर मिमारपुर गांव में पुलिस चौकी बनाई हुई है। बावजूद इसके इस तरह की मनमानी हो रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस की मिलीभगत से वाहन निकाले जा रहे हैं। इसके चलते गांव की सड़कें टूटने लगी हैं और हादसों का खतरा बढ़ रहा है।
डीसी बोले-अलग से कराएंगे जांच
डीसी श्यामलाल पूनिया का कहना है कि उनके संज्ञान में यह मामला लाया गया है कि खनन कंपनियां अभी भी यमुना के तटबंध से रेत के ओवरलोड वाहन गुजार रही हैं। यह एनजीटी के आदेश का उल्लंघन है। पहले भी पुलिस को निर्देश दिए थे कि इस मामले की जांच कराएं। अब किसी अन्य अधिकारी से मामले की जांच कराएंगे और किसी को मनमानी करने की इजाजत नहीं देंगे।