दलेर सिंह/हप्र
जींद, 28 मार्च
जुलाना विधानसभा क्षेत्र के बुढ़ाखेड़ा लाठर गांव के डा. संजय लाठर को उत्तरप्रदेश विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष चुना गया है। डा. लाठर की छवि एक जुझारू नेता के रूप में रही है। रोहतक के एमडीयू से छात्र नेता के तौर पर शुरू हुआ सियासी सफर यूपी में जाकर परवान चढ़ा है। समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने 1999 में संजय लाठर को सोनीपत लोकसभा से सपा की टिकट पर मैदान में उतारा था। उसके बाद वर्ष 2000, 2005 व 2009 के विधानसभा चुनाव में जुलाना विधानसभा क्षेत्र से सपा की टिकट पर चुनाव लड़वाया, लेकिन इलाके में सपा का जनाधार नहीं होने के कारण लाठर को जीत नसीब नहीं हुई।
वर्ष 2005 के विधानसभा चुनाव में डॉ संजय लाठर के प्रचार के लिए जुलाना अनाज मंडी में जनसभा को संबोधित करते समय सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि यदि जुलाना के लोग संजय लाठर को विधायक बनाते हैं तो ठीक है, नहीं तो वो उन्हें उत्तर प्रदेश में विधायक बना देंगे। उत्तर प्रदेश विधानसभा के वर्ष 2012 में हुए चुनावों में डा. संजय लाठर को प्रभारी बनाया गया। 2012 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर डा. संजय लाठर को मथुरा जिले की माट विधानसभा सीट से उपचुनाव में समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया। बाहरी उम्मीदवार होने का ठपा लगने के कारण वो मामूली वोटो के अंतर से चुनाव हार गए। उसके बाद 2016 में उन्हें सपा का एमएलसी बनाया गया और अब हाल ही में 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशी को तौर पर मांट के मैदान में उतारा, लेकिन किस्मत ने फिर से साथ नहीं दिया। अब उन्हें उप्र विधान परिषद का नेता प्रतिपक्ष चुना गया है।
पार्टी की उम्मीदों पर उतरूंगा खरा
डा. संजय लाठर ने पत्रकारिता विषय में पीएचडी की हुई है। कुछ समय तक उन्होंने जुलाना खंड मुख्यालय से प्रिंट पत्रकारिता भी की थी। वे लंबे अरसे तक समाजवादी पार्टी की युवा विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। इससे पहले वे सपा की छात्र विंग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। मुलायम सिंह के साथ ही वे अखिलेश यादव के भी खास माने जाते हैं। यूपी विधान परिषद का नेता प्रतिपक्ष नियुक्ति के बाद सोमवार को दैनिक ट्रिब्यून से हुई बातचीत के दौरान डा. संजय लाठर ने कहा कि मैं समाजवादी पार्टी नेतृत्व का आभारी हूं। जो मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है उस पर हर हाल में खरा उतरूंगा।