गुरुग्राम, 16 अप्रैल (हप्र)
भीम नगर स्थित गुरु द्रोणाचार्य के नाम से तालाब के कायाकल्प को सरकार की सहमति मिल गई है। अब भव्य तरीके से इस तालाब को विकसित किया जाएगा। शहर का यह ऐतिहासिक स्थल होगा। लंबे समय से इसकी मांग भी उठ रही थी।
विधायक सुधीर सिंगला ने बताया कि उन्होंने विधानसभा में भी यह मुद्दा उठाया था, जिस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विशेष ध्यान देने का भरोसा दिया था। अब उन्होंने इस बात पर सहमति जता दी है कि गुरु द्रोणाचार्य के नाम से इस तालाब को भव्य रूप दिया जाएगा। गुरुग्राम को महाभारत काल में गुरुद्रोण की कर्मस्थली के तौर पर जाना जाता है। महाभारत कालीन यह तालाब आज भी भीम नगर में स्थित है और वहां पर काफी लोगों ने अवैध कब्जे कर रखे हैं। विधायक के अनुसार करीब 80 एकड़ तालाब की जमीन में से यहां मात्र 8-10 एकड़ जमीन ही बची हुई है। विधायक ने बताया कि नगर निगम अधिकारियों को कब्जे हटाने के निर्देश दे दिए गए हैं, ताकि इस जगह को विकसित करने में कोई समस्या न आए। विधायक सुधीर सिंगला ने कहा कि गुरु द्रोणाचार्य की यह पावन कर्मस्थली, तपोस्थली है। उन्होंने कौरवों, पांडवों को यहां अस्त्र-शस्त्र की शिक्षा दी थी। उस समय में इस तालाब का जल बहुत ही शुद्ध और पवित्र माना जाता था। जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ती गई, लोगों ने इस पवित्र तालाब पर कब्जे करने शुरू कर दिए। तालाब की पाल पर एक शिवालय व धर्मशाला के कुछ कमरे बने हुए थे।