अरविंद शर्मा / निस
जगाधरी, 14 दिसंबर
जिला के आंगनवाड़ी केंद्रों में तो सरकार की पोषाहार योजना फलीभूत होती नहीं दिख रही है। यहां पर लगभग 2 साल से ईंधन का बजट नहीं मिला है। इससे इन केंद्रों द्वारा बच्चों को सूखा राशन बांटना पड़ रहा है। ईंधन की करोड़ों रुपये लेबर न मिलने से नाखुश आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स प्रदर्शन कर अपना पिछले दिनों विरोध भी जता चुकी हैं। वहीं जिला कार्यक्रम अधिकारी आईसीडीएस एक -दो दिन में इसे लेकर बजट रिलीज होने की बात कह रही हैं।
जिले में अभी करीब 1281 आंगनवाड़ी सेंटर हैं। सरकार की योजना के तहत इन केंद्रों के छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पोषाहार दिया जाता है। जिससे बच्चे कुपोषित होने से बचे रहें। स्कीम के तहत महिलाओं को संतुलित आहार भी दिया जाता है। बच्चों के लिए मिलने वाले पोषाहार को लेकर रोज का अलग-अलग मीनू होता है। जानकारी के अनुसार इन केंद्रों में लगभग 32 हजार बच्चे पंजीकृत हैं। जिनको केंद्रों से पोषाहार दिया जाता है।आजकल केंद्रों में केवल सूखा राशन जिसमें मुरमुरे, चना, मूंगफ ली की गिरी भी दी जा रही है। इसके अलावा खिचड़ी, परांठा, मीठा व नमकीन दलिया दिया जाता है,लेकिन इंधन के अभाव में यह नहीं दिया जा रहा है। आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हैल्पर्स युनियन की प्रदेश प्रवक्ता रीतु का कहना है कि कुछ माह पहले तक वर्कर्स अपने स्तर पर किसी तरह से ईंधन की व्यवस्था कर रही थी। अपनी जेब से पैसे खर्च कर सिलेंडर की व्यवस्था की जा रही थी। सब्जी आदि भी स्वयं ही खरीद रही थी, लेकिन अब ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है। उनका कहना है कि डेढ़ करोड़ के लगभग लेबर बकाया है। अभी तक उनके खाते में यह राशि नहीं आई है।
एक-दो दिन में बजट रिलीज हो जाएगा: पीओ
आईसीडीएस की जिला कार्यक्रम अधिकारी बलजीत कौर का कहना है कि बजट फाइल मंजूरी के लिए अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय गई हुई है। उनका आज ही कार्यालय में बात हुई है। बलजीत कौर का कहना है कि एक-दो दिन में बजट जारी हो जाएगा। इसे आगे केंद्रों को जारी कर दिया जाएगा।