चंडीगढ़, 6 जनवरी (ट्रिन्यू)
सभी गांवों में सामुदायिक केंद्र व ई-लाइब्रेरी स्थापित होंगी। जिन गांवों में पहले से यह सुविधा है, उसकी कमियों को दूर किया जाएगा। साथ ही गांवों की उन सभी मूलभूत समस्याओं को सूचीबद्ध किया जाएगा, जिन पर काम होना है। इनमें गलियों के अलावा गंदे पानी की निकासी, ट्रीटमेंट प्लांट व साफ-सफाई प्रमुख हैं। विकास एवं पंचायत मंत्री बनने के बाद देवेंद्र बबली ने अधिकारियों की पहली ही बैठक में कहा कि ग्रामीण क्षेत्र को और अधिक विकसित की दिशा में तेजी से काम किया जाए।
गांवों के विकास की ऐसी योजनाएं तैयार की जाएं, जिससे ग्रामीणों को शहरों की तर्ज पर मूलभूत सुविधाएं गांवों में ही मिलें। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के कल्याण के लिए प्रदेश व केंद्र सरकार ने अनेक योजनाएं चलाई हुई हैं।
इन योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाई जाए तथा जो योजना अनुसार बजट अलॉट किया गया है। बजट का सदुपयोग सुनिश्चित किया जाए। वित्त वर्ष में गांवों के विकास के लिए योजनाबद्ध तरीके से बजट खर्च किया जाए। गांवों के विकास के लिए चलाई जा रही योजनाओं व विकास कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। सरकार की जीरो टोलरेंस नीति के अनुरूप काम हों तथा भ्रष्टाचार जैसी संभावनाओं को बिल्कुल खत्म किया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वामीत्व योजना के तहत मकान व प्लाट का सही मालिकाना हक देने के उद्देश्य से प्रॉपर्टी कार्ड जारी किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना को निष्पक्षता व पारदर्शिता से क्रियान्वित किया जाए। इसमें आने वाले विवादों का भी मौके पर ही समाधान किया जाए। गांवों में साफ-सफाई व्यवस्था को और अधिक मजबूत किया जाए। गांवों में गंदे पानी की निकासी के लिए उचित योजना बनाई जाए।
हरियाणा ग्रामीण विकास योजना के तहत जारी विकास कार्यों में तेजी लाई जाए। प्रदेश के गांवों में विभाग के तहत जो भी भवन बनाए हुए हैं, उनकी देखभाल व उनका निरंतर उपयोग होना जरूरी है। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में बबली ने कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि गांवों, ग्रामीणों व पंचायतों के विकास के लिए अधिकतम काम किए जाएं।