कैथल/सिरसा/फतेहाबाद, 9 जुलाई (हप्र)
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मूल्य वर्धित कर (वैट) घोटाले से जुड़ी धनशोधन जांच के तहत मंगलवार को हरियाणा में 14 स्थानों पर छापेमारी की। मामला करीब दस हजार करोड़ के घोटाले से जुड़ा है। छापेमारी के दौरान हरियाणा राज्य सिविल सेवा के तीन सेवानिवृत्त अधिकारियों- पूर्व उत्पाद शुल्क एवं कराधान अधिकारी अशोक सुखीजा और पूर्व उप उत्पाद शुल्क एवं कराधान आयुक्तों नरेंद्र रंगा और गोपी चंद चौधरी को भी शामिल किया गया है। सुखीजा और चौधरी को पिछले साल राज्य पुलिस ने जांच के तहत गिरफ्तार किया था। नियमों के अनुसार, फॉर्म सी हरियाणा सरकार द्वारा राज्य के बाहर माल की बिक्री के आधार पर जारी किया जाता है और कोई व्यापारी या व्यावसायिक संस्था इसका उपयोग करके रिफंड प्राप्त कर सकती है। आरोप लगाया गया है कि व्यापारियों ने फर्जी बिक्री बिल बनाए, जिससे राज्य के खजाने को नुकसान हुआ।
कैथल में रिटायर्ड ईटीओ सुखीजा के घर पर ईडी अधिकारी पहुंचे। जानकारी के अनुसार कैथल के रघुवीर सिंह की शिकायत पर लोकायुक्त द्वारा शिकायत दर्ज की गई थी।
जांच के लिए तत्कालीन लोकायुक्त प्रीतम पाल द्वारा टीम गठित की गई जिसमें आईजी श्रीकांत यादव, वीके शास्त्री, अमित भाटिया, जितेंद्र राघव, डीएसपी सुरेंद्र भोरिया आदि की टीम गठित की गई।
सिरसा में ईडी की टीमों ने एक साथ कई जगह छापे मारे। टीम के निशाने पर फर्जी फर्मों के सरगना के रूप में कुख्यात ‘एमआरपी’ रहा। मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय एजेंसी की टीमों ने महेश बंसल, पदम बंसल, वीरेंद्र गुप्ता, शशिबाला, हरीश बियाणी के घर, प्रतिष्ठानों पर छापे मारे। ईडी ने सिरसा में डीईटीसी रहे एनके रंगा और जीसी चौधरी के निवास पर भी छापेमारी की। उधर, फतेहाबाद के शिव नगर इलाके में रमेश अरोड़ा के घर टीम ने दबिश दी। जानकारी के अनुसार पंजाब नंबर की दो गाड़ियों में ईडी की एक टीम यहां पहुंची। अधिकारी वेंकटेश अय्यर के नेतृतव में पहुंची टीम ने गेट बंद कर दिए और बाहर पुलिस कर्मी भी तैनात कर दिए।
एसपी विक्रांत भूषण के प्रयास लाए रंग सिरसा में पुलिस अधीक्षक का कार्यभार संभालते ही विक्रांत भूषण ने फर्जी फर्म संचालकों के खिलाफ जोरदार कार्रवाई की। फर्जी फर्मों से जुड़े अन्य लोगों की धरपकड़ एसपी विक्रांत भूषण के प्रयासों से ही हो पाई। बताया जाता है कि उन्होंने ही ईडी जांच की अनुशंसा की थी। इस बीच, ईडी की कार्रवाई के चलते आबकारी एवं कराधान विभाग में खलबली मची रही। कराधान विभाग के अनेक अधिकारियों के टैक्स चोरी के धंधे में संलिप्त होने के आरोप है।