दिनेश भारद्वाज/ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 23 दिसंबर। हरियाणा में ग्रामीणों को अब महंगी बिजली मिलेगी। गांवों के घरेलू व औद्योगिक उपभोक्ताओं को बिजली बिलों पर 2 प्रतिशत ‘पंचायत टैक्स’ देना होगा। इससे ग्रामीण उपभोक्ताओं पर लगभग 125 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। कृषि उपभोक्ताओं से यह वसूली नहीं होगी। प्रदेश की भाजपा-जेजेपी गठबंधन सरकार ने पंचायतों की आय बढ़ाने के नाम पर यह टैक्स लगाया है। बुधवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
कैबिनेट एजेंडे में स्पष्ट किया गया है कि केंद्र सरकार द्वारा की गई बिजली खपत, रेलवे लाइन के निर्माण, रखरखाव व संचालन आदि में इस्तेमाल होने वाली बिजली पर यह फैसला लागू नहीं होगी। इसी तरह से कृषि उपभोक्ताओं यानी ट्यूवबैल कनेक्शन वाले किसानों को इससे बाहर रखा गया है। ग्राम पंचायतों की सीमा के भीतर हर उपभोक्ता को बिजली बिलों पर 2 प्रतिशत पंचायत टैक्स देना होगा। सरकार का कहना है कि ग्राम पंचायतों के वित्तीय संसाधन बढ़ाने के लिए यह निर्णय लिया है।
पंचायत टैक्स की वसूली दोनों बिजली कंपनियों – उत्तर व दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा की जाएगी। पंचायत टैक्स बिजली बिलों में ही लगकर आएगा। बाद में बिजली कंपनियों द्वारा यह पैसा ग्राम पंचायतों को दिया जाएगा। इससे पहले गांवों में जमीनों के पंजीकरण में भी सरकार दो प्रतिशत सरचार्ज लगाने का फैसला कर चुकी है। विपक्षी दलों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। अब बिजली बिलों में लगाए जाने वाले पंचायत टैक्स का भी विरोध होना स्वाभाविक है।
दक्षिण निगम को 900 करोड़ की बैंक गारंटी
कैबिनेट ने दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड को ऋण सुविधाओं की स्वीकृति के लिए वाणिज्यिक बैंकों के पक्ष में 900 करोड़ रुपये की राज्य सरकार की गारंटी देने का निर्णय लिया है। गुरुग्राम में मौजूदा बिजली वितरण प्रणाली को मजबूत करने के लिए 1408 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। यहां स्मार्ट ग्रिड भी विकसित हो रहा है। 900 करोड़ रुपये की इस बैंक गारंटी में से 700 करोड़ रुपये सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और 200 करोड़ रुपये कैनरा बैंक से लिए जाएंगे।
बिजली निगम पर पैसा नहीं, 100 करोड़ का लेंगे लोन
हरियाणा विद्युत प्रसरण निगम लिमिटेड वित्तीय संकट से जूझ रहा है। स्थिति यह हो गई है कि रुटीन के कार्यों के लिए अब 100 करोड़ रुपये का लोन पंचकूला के सेक्टर-6 स्थित एचडीएफसी बैंक से लिया जाएगा। इसकी गारंटी राज्य सरकार लेगी। सरकार का मानना है कि निगम के पास कैश लिक्विडिटी नहीं है। सरकार का यह भी तर्क है कि कोविड-19 की वजह से ऐसे हालात पैदा हुए हैं। यहां बता दें कि इससे पहले भी निगम लोन ले चुका है।