अम्बाला शहर, 5 जुलाई (हप्र)
डीए बहाली व ठेका प्रथा के विरोध में 15 जुलाई के राष्ट्रीय प्रतिरोध दिवस को लेकर सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने जनसम्पर्क अभियान शुरू किया। संघ के प्रदेश महासचिव सतीश सेठी ने शिक्षा सदन में सीट-टू-सीट जाकर कर्मचारियों को राष्ट्रीय प्रतिरोध दिवस के मांग-मुद्दों व केंद्र तथा प्रदेश सरकार की जन-विरोधी एवं कर्मचारी-विरोधी नीतियों का पर्दाफाश करते हुए हैंडबिल बांटे।
जनसम्पर्क अभियान के तहत महासचिव सतीश सेठी ने कहा कि कोरोना की पहली लहर के समय प्रदेश के कर्मचारियों ने सरकार को अपने वेतन से 100 करोड़ रुपए सहयोग किया था परंतु उसी सरकार ने कर्मचारियों का जनवरी 2020 से महंगाई भत्ता रोक दिया। पिछले 18 महीनों में 50 हज़ार मूल वेतन वाले हर कर्मचारी को 72 हजार रुपए का नुकसान हो चुका है। सरकार ने जुलाई 21 में डीए बहाल करने की बात कही थी। परंतु अब चुप्पी साध रखी है। सरकार की इन्ही नीतियों के विरोध में 5 से 14 जुलाई तक सभी विभागों में जनसम्पर्क अभियान चलाते हुए 15 जुलाई को ब्लाॅक व जिला में प्रर्दशन कर मांगपत्र प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को भेजे जाएंगे।
दैनिक वेतनभोगियों की छंटनी के विरोध में प्रदर्शन
अम्बाला शहर (हप्र) : हरियाणा गर्वमेंट पीडब्लयूडी मैकेनिकल वर्कर्स यूनियन के बैनर तले कर्मचारियों ने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की छंटनी के विरोध में सोमवार को इंको चौक पर प्रदर्शन किया। यूनियन नेताओं ने आरोप लगया कि कार्यकारी अभिंयता जन स्वास्थ्य मंडल अम्बाला शहर दिनेश कुमार ने राजनीतिक दबाव में कर्मचारियों की रोजी रोटी छीनी है।
यूनियन प्रधान इंद्रजीत सिंह ने कहा कि अधिकारी तानाशाही रवैया अपनाए हुए हैं जिसका खामयाजा कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है। कर्मचारियों को बिना किसी कारण के ही निकाला जा रहा है। यह कर्मचारी विभाग में पिछले 10-15 वर्षो से अपनी सेवाएं दे रहें हैं लेकिन अब उनके साथ ऐसा व्यवहार करना पूरी तरह से गलत है। यूनियन नेताओं ने कहा कि कर्मचारियों को यूं नौकरी से निकालना पूरी तरह से गलत है। अधिकारियों के इस फैसले का यूनियन विरोध करते हुए मांग की कि कर्मचारियों की छटनी पर रोक लगाई जाए। इस अवसर पर सुरेंद्र सैनी, देसराज, सुशील शर्मा, राममूर्ती सहित अनेक यूनियन नेता मौजूद रहे।
राष्ट्रीय प्रतिरोध दिवस की मुख्य मांगें
जनवरी 2020 से रोके गए महंगाई भत्ते व एलटीसी, 2016-2019 को बहाल कर बकाया का भुगतान हो। महंगाई पर रोक लगाने के लिए कठोर कदम उठाएं जाए। ठेका प्रथा खत्म कर सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए। पक्का होने तक समान काम-समान वेतन लागू कर सेवा सुरक्षा प्रदान की जाए। एनपीएस को खत्म कर पुरानी पेंशन बहाल करो। नौकरी से हटाए गए नियमित व कच्चे कर्मचारियों को वापिस ड्यूटी पर लिया जाये। जबरी रिटायरमेंट के आदेशों को रद्द किया जाए। स्वास्थ्य समेत सभी सार्वजनिक सेवाओं के निजीकरण पर रोक लगाई जाए और इन जन सेवाओं का विस्तार कर युद्ध स्तर पर स्थाई भर्ती करो। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति व बिजली संशोधन बिल 2021 को वापस लिया जाए।