चंडीगढ़, 29 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
बिजली कर्मचारियों एवं अभियंताओं के राष्ट्रीय संगठनों ने लामबंद होकर बिजली निजीकरण के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है। नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी आफ इलेक्टि्रसिटी इम्प्लाइज एंड इंजीनियर के राष्ट्रीय नेता शैलेंद्र दूबे, प्रशांत नंदी चौधरी, सुभाष लांबा, कुलदीप सिंह व अभिमन्यु धनखड़ ने बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ के सेक्टर-17 स्थित परेड ग्राउंड के सामने आयोजित रैली में यह ऐलान किया।
आंदोलन की घोषणा के तहत नवंबर में बिजली निजीकरण के खिलाफ लोकसभा व राज्यसभा के सभी सांसदों को ज्ञापन सौंपे जाएंगे। दिसंबर में निजीकरण के विनाशकारी प्रभाव के बारे जानकारी देने के लिए सभी राज्यों, जिला एवं सब-यूनिट स्तर पर कन्वेंशन होंगी। आंदोलन के अगले चरण में जनवरी में संसद के समक्ष जंतर-मंतर पर प्रदर्शन होगा और फरवरी में दो दिवसीय राष्ट्रीय हड़ताल की जाएगी। यूटी पावरमैन यूनियन के अध्यक्ष ध्यान सिंह की अध्यक्षता में बिजली निजीकरण के खिलाफ आयोजित रैली में हरियाणा, हिमाचल, पंजाब व चंडीगढ़ के बिजली कर्मचारियों व इंजीनियरों ने हजारों की तादाद में भाग लिया। चंडीगढ़ को ‘कुरुक्षेत्र’ बनाकर यूटी चंडीगढ़ बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी। नेशनल कोऑर्डिनेश्ान कमेटी ऑफ इलेक्टि्रसिटी इम्पलाइज एंड इंजीनियर के सदस्य शैलेंद्र दूबे व सुभाष लांबा ने कहा कि यूटी प्रशासन बिजली विभाग के मुनाफे में होने के बावजूद निजीकरण करने पर आमादा है। उन्होंने ऐलान किया कि बिजली निजीकरण के खिलाफ लड़ाई चंडीगढ़ को कुरुक्षेत्र बनाकर लड़ी जाएगी और इसमें जीत सच्चाई की होगी।