सुरेंद्र मेहता/हप्र
यमुनानगर,10 नवंबर
कपाल मोचन में 11 नवंबर से 15 नवंबर तक मेला लगेगा, जिसमें विभिन्न प्रकार के झूले लगाये जाएंगे। इनमें विशेष रूप से ज्वाइंट व्हील झूला, कोलंबस, ब्रेक डांस, ड्रैगन ट्रेन, मारुति सर्कस, गदा सर्कस, रेंजर, डबल डिस्क आदि होंगे । सीसीटीवी व ड्रोन कैमरों से समस्त मेला क्षेत्र की निगरानी होगी। मेले के उद्घाटन से पहले ही मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी है। मेला क्षेत्र में दुकानें सज चुकी हैं, ग्राहक आने लगे हैं। मेले में आने वाले लोग वापसी में घर के लिए कुछ न कुछ खरीद कर ले जाते हैं। इसी को लेकर यहां दुकानदार भी उत्साहित हैं। आज हजारों श्रद्धालुओं ने तीनों पवित्र सरोवरों में स्नान करने के बाद पूजा-अर्चना की। मुख्य स्नान 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर होगा। मेले में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, जम्मू कश्मीर, दिल्ली, राजस्थान से लाखों श्रद्धालु आते हैं। मेला प्रशासक जसपाल सिंह गिल ने बताया कि उपायुक्त एवं मुख्य प्रशासक मेला श्री कपाल मोचन कैप्टन मनोज कुमार के मार्गदर्शन में मेला श्री कपाल मोचन आदिबद्री के आवश्यक प्रबंधों का काम अंतिम चरण में है। गिल ने कहा कि श्री कपाल मोचन मेले में देश के विभिन्न राज्यों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां के तीनों पवित्र सरोवरों-कपाल मोचन सरोवर, ऋण मोचन सरोवर व सूरज कुंड सरोवर में क्रमवार स्नान करने के लिए आते हैं।
उन्होंने कहा कि कपाल मोचन मेला में आने वाले श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक सुविधाएं सुविधा मुहैया करवाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि मेले में यात्रियों की सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए उचित प्रबंध पुलिस विभाग द्वारा किए जाएंगे व पूरे मेला क्षेत्र को 4 सेक्टरों में बांटा जाएगा। मेले के दौरान नशीली दवाओं व नशीली चीजों की विशेष रूप से चैकिंग की जाएगी। सारे मेला क्षेत्र की फॉगिंग लगातार करवाई जाएगी।
धंधा अच्छा होने की उम्मीद में तैयारियां कर रहे बर्तन बाजार के दुकानदार
जगाधरी (हप्र) : मेला कपाल मोचन सोमवार को शुरू हो जााएगा। यह 15 नवंबर तक चलेगा। यह मेला धातु नगरी जगाधरी के लिए भी अहम होता है। मेले से लौटते समय श्रद्धालु बर्तन खरीदना शुभ मानते हैं। कार्तिक स्नान के बाद जगाधरी मेें श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। इनमें 50 प्रतिशत से ज्यादा पंजाब के होते हैं। ये मेले से लौटते समय अलसुबह ही जगाधरी में पहुंचने लग जाते हैं। यहां पर पंजाब, जम्मू, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा आदि से आए श्रद्धालु मटका चौक पंसारी बाजार, खेड़ा बाजार, देवी भवन बाजार, आदि में बर्तनों की स्टालों पर खासतौर पर जग, थाली, मग, तवी, परांत, कढ़ाई, टब, बेला, बाल्टी, साग काटने की मशीन, गिलास व लोटे खरीदते देखे गए। कई बर्तन दुकानदार इस दिन को दूसरी धनतेरस भी कहते हैं। उनका कहना है कि इस दिन अच्छा काम होता है। दुकानदारों ने 15 नवंबर को लगने वाले बाजार को लेकर अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं।