चंडीगढ़, 12 अगस्त (ट्रिन्यू)
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के हर खेत को ‘स्वस्थ खेत’ बनाएगी। खेतों में मिट्टी की जांच होगी और जरूरत अनुसार उनमें सुधार किया जाएगा। बृहस्पतिवार को राज्य में एक साथ 40 नयी मिट्टी जांच प्रयोगशालाओं के उद्घाटन पर सीएम ने यह बात कही। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये उन्होंने खंड स्तर पर स्थापित की गई इन प्रयोगशालाओं की शुरुआत की। सीएम ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वप्न को साकार करने का लक्ष्य हमने लिया है। इसी के तहत प्रदेश में मिट्टी जांच प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। अगले 3 वर्षों में प्रदेश की संपूर्ण 75 लाख एकड़ कृषि भूमि की मिट्टी की जांच की जाएगी। सीएम ने कहा कि हरियाणा ने देश के खाद्यान्न भंडार को भरने के लिए अहम योगदान दिया है। जब हरित क्रांति आई तो प्रदेश के किसानों ने भरपूर उत्पादन कर देश में खाद्यान्न की कमी को पूरा किया।
उन्होंने कहा कि आज खाद्यान्न उत्पादन की मात्रा के साथ-साथ गुणवता पर भी ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने किसानों से आर्गेनिक और प्राकृतिक खेती की तरफ बढ़ने का आह्वान करते हुए कहा कि ऐसा करने से खाद्य उत्पादों के कारण निरंतर बढ़ रही बीमारियों की रोकथाम में भी किसान अहम भूमिका निभाएंगे। कृषि विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ़ सुमिता मिश्रा ने कहा कि पंचकूला और करनाल स्थित 2 मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं का राष्ट्रीय परीक्षण और अशंशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) से एक्रीडेशन करवाया जाना प्रस्तावित है।
उन्होंने कहा कि भारत में हरियाणा पहला राज्य होगा जहां भूमि परीक्षण प्रयोगशलाओं का एनएबीएल एक्रीडेशन होगा। इस मौके पर कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल, हरियाणा वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन के चेयरमैन नयनपाल रावत सहित कई अधिकारी चंडीगढ़ में मौजूद रहे। केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, सरकार के विभिन्न मंत्री, सांसद, विधायक से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कनेक्ट हुए।
पढ़ाई के साथ कमाई भी
सीएम ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सीनियर सेकेंडरी स्कूलों एवं कॉलेजों के विद्यार्थियों की मृदा जांच के कार्य में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए व्यापक योजना बनाएं, जिससे विद्यार्थी पढ़ाई के साथ कमाई भी कर सकें। किसान के बेटे पढ़ाई के साथ खेतों से मिट्टी के नमूने एकत्रित करने का काम रुचि लेकर करेंगे, इससे उनकी आय भी होगी। इस कार्य में लगे विद्यार्थियों को प्रति नमूना 40 रुपये का मानदेय दिया जाएगा। पिछले साल स्कूलों एवं कॉलजों के 115 विज्ञान अध्यापकों एवं सहायक प्रोफेसरों को मृदा परीक्षण का प्रशिक्षण सीएसएसआरआई करनाल एवं एचएयू हिसार में दिया जा चुका है। राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में 50 लघु मृदा प्रयोगशालाएं पहले ही स्थापित की जा चुकी हैं और 65 अन्य ऐसी प्रयोगशालाएं स्कूलों एवं कालेजों में स्थापित की जा रही हैं।
घर के नजदीक मृदा जांच सुविधा
कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश में मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं के जाल बिछाने की योजना बनाई है। इसी के तहत 40 नयी प्रयोगशालाओं का उदघाटन किया है। अब किसानों को अपने खेत की मिट्टी की जांच करवाने की सुविधा उनके घर के नजदीक मिलेगी।