अम्बाला शहर, 8 अप्रैल (हप्र)
हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के आह्वान पर आज जिला की मंडियों में आढ़ती अपनी दुकानों पर तो आए लेकिन उन्होंने गेहूं खरीद प्रक्रिया में कोई काम नहीं किया। कुछ किसानों की मंडियों में आई गेहूं की बस ढेरी लगा दी या ज्यादा नमीयुक्त होने पर सुखाई के लिए फैलाने तक ही अपने को सीमित रखा। इस दौरान खरीद एजेंसियों के बड़े अधिकारी आढ़तियों से खरीद प्रक्रिया प्रारंभ करने का आग्रह करते रहे लेकिन आढ़तियों ने कोई बात नहीं मानी। जानकारी के अनुसार सरकार और आढ़तियों के बीच अब मुख्य तकरार किसानों को सीधे भुगतान को लेकर है। आढ़तियों का कहना है कि भुगतान किसानों की मर्जी से उनके खातों में किया जाए या फिर पुरानी परंपरा के अनुसार आढ़तियों के माध्यम से भुगतान किया जाए। सीएम ने कथित रूप से बैठक के दौरान आढ़ती प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया था कि वे केंद्र से बात करके हल करवाने का प्रयास करेंगे कि किसान को जबरन उसके खाते में पेमेंट न दी जाए लेकिन उसका नतीजा सामने नहीं आया।
इसी बीच आढ़ती एसोसिएशन के प्रदेश संरक्षक दूनी चंद दानीपुर की दुकान पर शहर मंडी के प्रधान मक्खन लाल गोयल, राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रधान संजीव गर्ग, मार्केट कमेटी के निवर्तमान वाइस चेयरमैन भारत भूषण अग्रवाल आदि के साथ डीएफएससी राजेश्वर मुदगिल और हैफेड डीएम कृपाल दास ने लंबी बात की और आढ़तियों को गेहूं खरीद प्रक्रिया में सक्रिय होने का बार-बार आग्रह किया लेकिन आढ़ती नेताओं ने उसे स्वीकार करने में असमर्थता जताई। आढ़ती नेताओं की माने तो रबी 2021 में बारदाना पर कोई मार्का नहीं लगाने, अनेक मंडियों में धान के लोडिंग जो आई फार्म में न लगने के कारण बकाया है उसकी पेमेंट जल्दी करवाने, आढ़ती की आई फार्म की लेबर जे फार्म के साथ ही देने और दाम सीजन खत्म होने के 15 दिन में देने अथवा उसके बाद के समय पर ब्याज देने, मंडी के नजदीक कंडे का तोल ही मान्य होने और उसके बाद वजन घटने की जिम्मेदारी ट्रांसपोर्टर माने जाने, खरीफ 2020 के गलत खाते में गए भुगतान की रिकवरी सरकार की जिम्मेवारी मानते हुए भुगतान तुरंत करने, धान सीजन में मैनुअल गेट पास वालों को भुगतान करने, रबी 2020 की ब्याज के रूप में काटी गई रकम आढ़तियों को देने, रबी 2019 के ब्याज के क्लेम के लिए प्रोफॉर्मा देने आदि अनेक विषयों पर सीएम के साथ बैठक में सहमति बन चुकी थी लेकिन अभी तक इसे अमली जामा नहीं पहनाया गया।
प्रदेश सरंक्षक दूनीचंद दानीपुर कहते हैं कि कुछ अधिकारी मुख्यमंत्री को गुमराह कर रहे हैं जिससे हर खरीद सीजन में दिक्कतें आ जाती हैं। मुख्यमंत्री को इस बारे स्वयं संज्ञान लेना चाहिए कि बैठक में बनी सहमति क्यों लागू नहीं की जाती।
7 अप्रैल तक 24655.6 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद
बीते दिनों पड़ी बरसात के कारण आज मंडियों में गेहूं की आवक प्रभावित रही। गेहूं खरीद कार्य के तहत 7 अप्रैल तक 24655.6 मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का कार्य किया गया है। इसमें से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा 7 अप्रैल तक 11034.5 मीट्रिक टन, हैफेड द्वारा 12266 मीट्रिक टन व हरियाणा वेयर हाउसिंग द्वारा 1355.1 मीट्रिक टन गेहूं खरीदी गई है।
हजारों क्विंटल गेहूं की आवक लेकिन खरीद नहीं हो सकी प्रारंभ
क्षेत्र की सबसे बड़ी अम्बाला शहर की अनाज मंडी में 200 से ज्यादा आढ़ती गेहूं खरीद का काम करते हैं। आज यहां मंडी में 2 बजे तक 17 गेट पास कट चुके थे। रोलों गांव का बृज भूषण 75 क्विंटल, मुनरहेड़ी का निर्मल सिंह 285 क्विंटल, सिंघावाला का जसप्रीत सिंह 160 क्विंटल, बलाना का अवतार 150 क्विंटल, कोंकपुर का रामचंद्र 150 क्विंटल अपना गेहूं इस आशा में मंडी लाए थे कि उन्हें इंतजार नहीं करना पड़ेगा लेकिन उनके सारे सपने चूर होकर रह गए। अब उन्हें मंडी में अपनी फसल की रखवाली करनी पड़ेगी। आढ़ती अपनी हड़ताल को अनिश्चितकालीन बता रहे हैं ऐसे में यदि मौसम के कारण अथवा किसी अन्य कारण से उनकी फसल को नुकसान होगा तो उसकी भरपाई नहीं होगी।