सोनीपत, 30 जून (हप्र)
नगर निगम के अधिकारियों की नाकामी व भ्रष्टाचार के खिलाफ शुक्रवार को मेयर निखिल मदान, सीनियर डिप्टी मेयर राजीव सरोहा, डिप्टी मेयर मनजीत गहलावत समेत अधिकांश नगर पार्षदों ने नगर निगम परिसर में सांकेतिक धरना देकर समस्याओं के समाधान को लेकर हुंकार भर दी है। सोनीपत से विधायक सुरेंद्र पंवार ने भी धरने पर पहुंचकर समर्थन किया। विधायक पंवार, मेयर मदान ने कहा कि यदि प्रशासन द्वारा 15 दिन में शहर की सडक़ों की हालत, सफाई, पेयजल समस्या, जलभराव समस्या समेत लंबित समस्याओं का समाधान नहीं किया तो वह सभी षार्षदों के साथ भूख हड़ताल पर बैठ जायेंगे।
धरने पर निर्णय लिया गया है कि यदि 15 दिन के अंदर नगर निगम प्रशासन द्वारा उक्त समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो सभी भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
‘प्रॉपर्टी आईडी में खामियां’
नगर निगम में प्रॉपर्टी आईडी में सुधार, नो ड्यूज सर्टिफिकेट सहित अन्य कार्यों के लिए शहरवासी धक्के खाने को मजबूर है, समय पर उनका कार्य नहीं किया जा रहा। सरकार व प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें, जो एक मामूली से कार्य के लिए लोगों को चक्कर कटवाते हैं। उन्होंने बताया कि आज शहर की सड़कें खस्ता हालत में है, लेकिन नगर निगम द्वारा सड़कों को नहीं बनाया जा रहा। ड्रेन नंबर-6 को कवर करने का कार्य सालों से अधर में लटका हुआ है, लेकिन अधिकारी गंभीरता से कार्य को नहीं ले रहे। धरने पर निर्णय लिया गया है कि यदि 15 दिन के अंदर नगर निगम प्रशासन द्वारा उक्त समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो सभी भूख हड़ताल पर बैठेंगे। धरने पर पार्षद बिजेंद्र मलिक, पार्षद सुरेंद्र नैय्यर, पार्षद सूर्या दहिया, पार्षद नवीन तंवर, पार्षद प्रतिनिधि राजेश दहिया, पार्षद प्रतिनिधि अनिल नागर भी मुख्य रूप से मौजूद रहे।
मजबूरी में उठाया कदम: पंवार
विधायक पंवार ने कहा कि मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर, डिप्टी मेयर व सभी कांग्रेस पार्षदों ने धरने का जो निर्णय लिया है, यह बड़ा ही मजबूरी में उठाया कदम है। उन्होंने कहा कि नगर निगम सोनीपत क्षेत्र में हल्की सी बारिश आते ही नगर निगम क्षेत्र जलमग्न हो जाता है, यदि निगम प्रशासन एक सुनियोजित तरीके से जलभराव की निकासी की योजना बनाए तो जलभराव की समस्या का समाधान हो सकता है, लेकिन स्थिति बिल्कुल विपरीत है। बरसात के पानी की निकासी के लिए नाले बनाए गए थे, लेकिन आज नालों की कोई सुध नहीं ले रहा है, कहीं पर नाले टूटे पड़े हैं, कहीं पर नाले बंद हैं।