सोनीपत, 21 दिसंबर (हप्र)
तीन कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए कुंडली बॉर्डर पर चल रहे धरनास्थल पर सोमवार को एक बुजुर्ग किसान ने कथित तौर पर सल्फास खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। बताया जाता है कि किसान कुंडली बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों की दुर्दशा से आहत है। वह खुद ही मंच पर पहुंचा और कथित तौर पर जहर खाने की जानकारी दी। इस पर तुरंत उन्हें सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया गया। सूचना के बाद कुंडली थाना पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि किसान के बयान दर्ज किए गए हैं।
जानकारी के अनुसार पंजाब के जिला तरनतारन के गांव पटलपाई से सोमवार तड़के ही आये किसान निरंजन (65) ने दोपहर को धरनास्थल पर कथित तौर पर सल्फास खा लिया। जहर खाने के बारे में उनके साथ बैठे साथी किसानों को भी पता नहीं लगा। इसके बाद वह स्वयं ही मंच पर पहुंचे और खुद के सल्फास खा लेने की जानकारी साथी किसानों को दी। इस पर उनके गांव के बलबीर, मुख्त्यार सिंह और अन्य किसानों ने उन्हें तुरंत वाहन में सामान्य अस्पताल पहुंचाया। यहां प्राथमिक उपचार देने के बाद उन्हें पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया गया। इस दौरान निरंजन सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने किसानों की दुर्दशा देखकर कुर्बानी देने के लिए जहर खाया है। वह केंद्र सरकार के तीन कानूनों से निराश है। वहीं, मामले की सूचना के बाद पहुंची कुंडली थाना पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने उनके बयान दर्ज कर लिए हैं। इस बारे में एसपी जश्नदीप सिंह रंधावा का कहना है कि किसान के जहर खाने की जानकारी मिली थी। जिस पर उनके बयान दर्ज किए गए हैं। उन्होंने किसानों की दुर्दशा से आहत होकर जहर खाने की बात कही हैं। पुलिस जांच कर रही है।
ये है पत्र का मजमून
किसान के पास से पुलिस ने पंजाबी में लिखा हुआ पत्र भी बरामद किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि ‘शर्म आती है इस वतन को वतन कहते हुए। घर बैठे जब टीवी पर 3-4 महीनों से अपने बहन, भाई, बजुर्ग और बच्चों को ठंड में गाडिय़ों की पट्टियों, सडक़ों व बिना छत के बारिश और धुंध में बैठे देखता हूं तो दिल में एक आवाज आती है कि हम भी इस देश के वासी है। जिनके साथ गुलामों से भी बढक़र सरकार कर रही है। आज जब अपनी आंखों से देखा, तो बर्दाश्त नहीं हुआ। हमारे नौंवे गुरु तेगबहादुर साहब ने भी जुल्म के खि़लाफ़ अपनी आवाज उठाई और अपनी कुर्बानी दी थी। मैं भी इस दुख को सहन नहीं कर पाया तो अपने प्राणों की कुर्बानी दे रहा हूं, ताकि गूंगी, बहरी, अंधी सरकार के कानों तक मेरी आवाज पहुंच सके।’बताते हैं कि इससे पहले 20 दिन निरंजन सिंह धरने पर रह कर गए थे और वापस तडक़े आकर पहुंचे थे और दोपहर को उन्होंने यह कदम उठा लिया। वह सल्फास की गोली खाकर स्टेज पर गए और इसकी जानकारी दी थी।