बिजेंद्र सिंह/हप्र
पानीपत, 18 नवंबर
जिले के अनेक प्रगतिशील किसान परंपरागत धान और गेहूं की खेती को छोड़कर नई तकनीक अपना रहे हैं और अपने खेतों में हाई टनल लगाकर सब्जियों की एक साथ ही दो फसलों की पैदावार कर रहे हैं। इसमें बेलदार सब्जियां घीया, तोरी, करेला, टिंडा व खीरा आदि की एक फसल की पैदावार तो हाई टनल के ऊपर होती है और सब्जियों की दूसरी फसल का उत्पादन हाई टनल के नीचे होता है। टनल के नीचे कम ऊंचाई वाली सब्जियां टमाटर, शिमला मिर्च, हरी मिर्च, धनिया, भिंडी की फसल होती है। किसानों द्वारा इस तरह से एक ही समय में दो सब्जियों की खेती करने की तकनीक को इंटर क्रोपिंग कहते है। हाई टनल द्वारा सब्जियों की खेती करने से किसानों की आमदनी एक साधारण तरीके की खेती की बजाये तकरीबन डेढ गुना होती है।
गांव गढी केबल (जौरासी खास) के प्रगतिशील किसान विनोद, जसबीर मलिक उग्राखेडी, अशोक मच्छरौली व साहिल उग्राखेडी इस तकनीक से सब्जियों की खेती कर रहे है।
एक एकड़ में तीन लाख का खर्च
किसान विनोद व जसबीर मलिक ने बताया कि एक एकड़ में हाई टनल लगाने में करीब तीन लाख रूपये खर्च आता है। इसमें लोहे के दो इंची पाइपों को गोल मोड़कर, उनके नीचे सरिया वेल्ड करके खेत में लगाया जाता है।
फिलहाल नहीं मिलता अनुदान
डीएचओ डाॅ. शार्दूल शंकर ने बताया कि जिले में कई किसान हाई टनल से सब्जियों की खेती कर रहे है। विभाग द्वारा इसका ग्राउंड लेवल पर सर्वे करवाया गया है। देश के किसी भी राज्य में किसी भी विभाग द्वारा अभी तक हाई टनल पर अनुदान नहीं दिया जाता। किसानों की मांग पर विभाग द्वारा इसका ड्राफ्ट बनाया गया है और उसको एप्रूवल के लिये मुख्यालय भेजा जाएगा।