तरुण जैन/निस
रेवाड़ी, 23 दिसंबर
केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि बिलों के खिलाफ दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित बनीपुर चौक व जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर पर किसानों का जमावड़ा व आक्रोश बढ़ता जा रहा है। राजस्थान व मेवात के लोग भी यहां पहुंच रहे हैं। दिल्ली कूच करने की जिद पर अड़े इन किसानों को दोनों स्थानों पर भारी सुरक्षा बल व हरियाणा पुलिस के जवानों ने बेरिकेड्स व अवरोध लगाकर रोका हुआ है। पुलिस इन किसानों की गतिविधियों पर भी नजर लगाए हुए है। किसानों ने बुधवार को भी अनशन में हिस्सा लिया।
जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर पर बुधवार की शाम को राजस्थान के विधायक बलजीत यादव के नेतृत्व में सैकड़ों किसान पहुंचे और धरने पर बैठे किसानों को समर्थन दिया। अनशन पर बैठे राजस्थान के किसान नेता राजाराम मील ने कहा कि केंद्र सरकार जितना जल्दी कृषि कानूनों को वापिस लेगी, उतना ही अच्छा है। अन्यथा किसानों का आक्रोश बढ़ता जाएगा और आंदोलन उग्र रूप ले लेगा। उन्होंने पूरे देश में समान एमएसपी लागू करने की मांग की। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरणसिंह के जन्मदिवस पर उन्हें याद करते हुए कहा कि उनके व सर छोटूराम के सपनों को पूरा किया जाएगा। ये किसानों के जीवन-मरण का प्रश्र है। वे यहां से तभी उठेंगे, जब तीनों कानून वापस हो जाएंगे। विधायक बलजीत ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अभी भी वक्त है कि वह किसानों की आवाज को सुनें। अन्नदाता की खून-पसीने की कमाई को पूंजीपतियों की जेब में जाने से रोके। किसान आर-पार की लड़ाई के लिए सड़क पर उतर चुका है। इस मौके पर पूर्व विधायक अमराराम, पूर्व विधायक महीपाल यादव, छगनलाल चौधरी, महेंद्र यादव, अमीरसिंह, डा. संजय यादव, मौलाना अरशद, मेवात से जाहिद हुसैन मौजूद थे।
दिल्ली पहुंचना है एकमात्र लक्ष्य
हाईवे को जाम करके बैठे बनीपुर चौक पर भी किसान नेता रामकिशन महलावत के नेतृत्व में अनशन किया गया। महलावत ने कहा कि उनका लक्ष्य एकमात्र दिल्ली पहुंचना है और वे हर हालत में दिल्ली जाएंगे। यहां किसान भजनलाल खटाणा, जीआर चौकन, अशोक मूसेपुर आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे। किसानों को सर्दी से बचाने के लिए स्वयंसेवी संगठन खूब मदद कर रहे हैं और खाद्य सामग्री भी उपलब्ध करा रहे हैं।