पुरुषोत्तम शर्मा/हप्र
सोनीपत, 30 दिसंबर
कुंडली बार्डर पर आंदोलनरत किसान दिनभर सरकार को विरोध करते हैं और दूध,जलेबी खाकर और वालीबाल खेलकर अपनी सेहत भी बना रहे हैं। बुजुर्गों को तो युवा फिट रखे हुए हैं और उनकी सेहत के लिए मैन्यू कार्ड से लेकर उनकी मालिश तक का पूरा ख्याल रखे हुए हैं। जबकि युवा समय मिलते ही वालीबाल और दूसरे खेलों के जरिये अपना मनोरंजन भी कर रहे हैं। आंदोलन के चलते हाईवे पर अब केवल किसानों का ही कब्जा है। ऐसे में उन्हें न तो किसी वाहन की चिंता है और न भीड़ का डर है। इसके चलते युवाओं ने हाईवे के बीचोंबीच जगह-जगह नेट लगा लिए हैं। इनमें कभी वालीबाल का खेल चलता है,तो कभी बैडमिंटन का लुत्फ उठाया जाता है। किसानों को पता है कि उनका आंदोलन अभी लंबा चलना है और सर्दी का मौसम एक महीना और अभी जोर पकड़ेगा। तो इसके हिसाब से वह तैयारियां करके बैठे हैं। ताकि किसी तरह की परेशानी ना आए।
खाने में गाजर का हलवा भी है
ठंड के मौसम में किसानों को दो बार दूध और जलेबी दी जाती है। इसके अलावा गाजर का हलावा, गुड़, चना और मूंगफली भी भोजन में दी जाती है। महिलाओं के लिए अलग टीम हैं, इसमें युवतियां व बहुएं अपने परिजनों की देखरेख करती हैं। ये आंदोलन बेहद अनूठा है क्योंकि यहां गांव बसा हुआ है। शहर की तर्ज पर बाजार भी लगे हैं।