झज्जर, 12 नवंबर (हप्र)
झज्जर जिले के करीब तीन दर्जन गांवों के खेतों से होकर दिल्ली पहुंचाई जाने वाली हाईटेंशन लाइन के मुआवजे को लेकर किसानों ने एक बार फिर हुंकार भरी है। मंगलवार को किसानों ने जिले के गांव छारा के टोल प्लाजा पर एकत्रित होकर दिल्ली के लिए कूच किया। किसान यहां छारा टोल पर एकत्रित हुए और उन्होंने शासन और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए दिल्ली जाने के लिए पैदल ही रवानगी भरी। किसानों के पैदल जत्थे का नेतृत्व भारतीय किसान कामगार अधिकार मोर्चा के हरियाण अध्यक्ष कर्मबीर दहिया ने किया। किसानों के साथ दिल्ली कूच करने से पहले मीडिया के सामने मुखातिब होकर कर्मबीर दहिया ने शासन और प्रशासन के खिलाफ जमकर अपना आक्रोश जाहिर किया। उनका कहना था कि खेतों से गुजरने वाली एचटीलाइन राजस्थान के खेतड़ी से वाया झज्जर होकर नरेला ट्रांसमिशन लाइन जानी है। उचित मुआवजे को लेकर किसान पिछले एक साल से अपना शांतिपूर्ण ढंग से अांदोलन चला रहे हैं। इस दौरान किसानों ने किसी भी कामकाज को प्रभावित नहीं किया। इसी बात का सरकार फायदा उठा रही है। उन्होंने कहा कि किसानों की मांग है कि खेतों से गुजरने वाली हाईटेंशन तार के अधिग्रहित जमीन का मुआवजा मार्किट रेट के हिसाब से मिले। कर्नाटक में 50 प्रतिशत राइट ऑफ वे 67 मीटर का है। डीवेल्यूएशन के अाधार पर मार्किट रेट से मुआवजा दिया जाना बेहद जरूरी है। शासन और प्रशासन केवल सर्कल रेट से किसानों को मुआवजा देना चाहता है,जोकि किसानों को कतई मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि अब किसानों ने थक हारकर दिल्ली कूच की तैयारी की है। मंगलवार को किसान छारा टोल से दिल्ली के औचंदी बॉर्डर के लिए चलेंगे। बुधवार को औचंदी बॉर्डर से सभी किसान भारी तादाद में राजघाट के लिए चलेंगे। वह राजघाट से किसानों के हक में अपनी अावाज बुलन्द करने वाले है। उन्होंंने कहा कि यदि इसके बावजूद भी उनकी मांग का कोई समाधान नहीं निकला तो वह फिर अगली आंदोलन की रणनीति बनाने को मजबूर होंगे।