गुहला चीका, 24 अक्तूबर (निस)
डीएपी खाद की किल्लत धरती पुत्र का गुस्सा बढ़ा रही है। गुहला क्षेत्र में गेहूं, आलू, मटर व सरसों की बिजाई का काम जोरों पर है। ऐसे में किसानों को कम से कम 20 हजार बैग डीएपी की तुरंत आवश्यकता लेकिन पिछले पांच दिनों बाद चीका की कॉपरेटिव सोसाइटी में 500 व निजी विक्रेताओं के पास भी मात्र 500 बैग डीएपी ही पहुंचा है। खाद पहुंचने की सूचना मिलते ही कृषि विभाग की एसडीओ डॉ. कंचन शर्मा निजी खाद विक्रताओं की दुकान पर पहुंची और अपनी देख रेख में किसानों को खाद वितरित करवाया। खाद लेने के लिए सुबह से लाइनों में सैकड़ों किसान खड़े थे। दोनों जगहों पर मात्र 200 किसानों को 5-5 बैग खाद दिए गए जबकि सैकड़ों किसानों को आज भी खाली हाथ लौटना पड़ा। किसान गुरी टटियाना, हरिकेश, बलजीत, ओम प्रकाश, कृष्ण बलबेहड़, ईश्वर पीडल, मेहर सिंह, गुरमुख सिंह, बलजीत सिंह चीका ने बताया कि आलू, मटर व गेहूं बिजाई का काम जोरों पर है। उन्होंने बताया कि गुहला खंड में सवा लाख से डेढ़ लाख थैले डीएपी का आवश्यकता रहती है जबकि सरकार अभी तक मात्र पांच हजार थैले डीएपी ही उपलब्ध करवा पाई है।
”आज चीका की सोसाइटी व निजी विक्रेताओं के पास डीएपी खाद के एक हजार थैले पहुंचे थे, जिन्हें तुरंत किसानों को बंटवा दिया गया है। हर एक किसान को उसकी जरूरत के अनुसार डीएपी समय पर उपलब्ध करवाया जा सके इसके लिए विभाग हर संभव कोशिश कर रहा है। जल्द ही खाद की बड़ी खेप चीका में पहुंचेगी।” -डॉ. ईश्वर कुमार, कृषि विकास अधिकारी चीका।
गुहला सब डिविजन में बीजी जाती है करीब एक लाख एकड़ गेहूं
प्राप्त जानकारी के अनुसार गुहला सब डिविजन में 1 लाख 28 हजार एकड़ रकबा है। इसमें से लगभग एक लाख एकड़ में गेहंू की बिजाई की जाती है। बाकी की भूमि पर सब्जी, हरा चारा व अन्य फसलों की बिजाई होती है। किसानों के अनुसार गेहूं में एक थैला डीएपी प्रति एकड़ बिजाई के दौरान डाला जाता है जबकि आलू व मटर की बिजाई के दौरान चार चार थैले प्रति एकड़ डाले जाते हैं।