सोनीपत, 12 अप्रैल (हप्र)
तीन कृषि कानूनों को लेकर आंदेालनरत किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि केंद्र की सरकार अगर न्योता भेजेगी तो किसान बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन सरकार की ऐसी नीयत दिख नहीं रही है। उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर पर तंज कसा कि वे उपदेश देने की बजाय, समाधान करें तो किसानों की भलाई हो सकती है। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर किसानों को डराने की जरूरत नहीं है। किसान संयुक्त मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव, डा. दर्शनपाल, राकेश टिकैट और अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि सरकार लोगों की वाहवाही लेने के लिए ऐसी सलाह किसानों को दे रही है। दरअसल, सरकार की मंशा अब कोरोना संक्रमण के नाम पर किसानों का धरना तोड़ने की है, लेकिन किसान ऐसा कतई नहीं होने देंगे। किसान नेता राकेश टिकैत ने चुटकी लेते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल के चुनाव खत्म होते ही भाजपा नेताओं के दिल्ली आगमन के साथ कोरोना भी दिल्ली में आ रहा है, इसलिए हर किसी को कोरोना के भय से सरकार डरा रही है, लेकिन केंद्र की सरकार यह भूल रही है कि किसान का कोरोना भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। इसलिए हमारी चिंता करने की बजाय नेताओं को चाहिए कि वह किसानों के हित में समाधान सोचें। केवल बातों से किसानों की समस्याओं का हल नहीं होगा। किसान नेताओं ने कहा कि संगठन पहले दिन से कहता आया है और फिर से कह रहा है कि अगर केंद्र सरकार बातचीत का न्योता देगी तो वह बातचीत के लिए जरूर जाएंगे, लेकिन शर्त यह है कि केंद्र सरकार यह साफ करे कि उसकी बातचीत की मंशा है और वास्तव में वह समाधान करना चाहती है।