सुभाष पौलस्त्य/निस
पिहोवा, 29 मई
नगर पालिका चुनाव लड़ने के इच्छुक प्रत्याशियों के लिए चुनाव लड़ना जी का जंजाल बन गया। महीनों से अपने चुनाव प्रचार में जुटे प्रत्याशियों का यह हाल है कि अब वह न तो पीछे हट सकते हैं तथा न आगे बढ़ सकते हैं।
चुनाव लड़ने से पहले एनओसी लेना उनके लिए जी का जंजाल बना है। पालिका चुनाव लड़ने वालों के लिए बिजली के बिल, बैंक के कर्ज, पानी का बिल इन सभी के साथ-साथ पालिका के सभी टैक्स अदा करना भी अति जरूरी है।
एनओसी पालिका से लेना ही बहुत बड़ा परेशानी का सबब बन गया है। पालिका ने हाउस टैक्स के साथ साथ डेवलपमेंट टैक्स के नाम पर पैसा लेना शुरू कर दिया है। यह धनराशि 16000 से लेकर 4 लाख से भी ज्यादा तक बनी हुई है। प्रत्याशी इतनी धनराशि जमा नहीं करा सकते। हैरानी की बात है कि यह डेवलपमेंट टेक्स जहां नये मकानों पर या दुकानों पर लिया जा रहा है, वहीं पर लाल डोरे के अंदर बने सैकड़ों वर्ष पुराने मकानों व दुकानों पर भी वसूला जा रहा है।
एसडीएम व पालिका सचिव बोले
एसडीएम सोनू राम व पालिका सचिव गुलशन से बात की तो उन्होंने बताया कि सरकारी आदेशानुसार सभी से डेवलपमेंट टैक्स लिया जाएगा। बिना डेवलपमेंट टैक्स लिए एनओसी प्रदान नहीं की जाएगी। जब इस बारे उनसे पूछा कि लाल डोरे के भीतर बने मकानों का किसी के पास कोई नक्शा अन्य कोई कागजात नहीं है। केवल उनके पास हाउस टैक्स ही एक प्रमाण है, जो कि उन्होंने अदा किए हुए हैं। इस पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि एक बार डेवलपमेंट टेक्स देना बहुत जरूरी है। भले ही वह मकान 100 वर्ष पुराना ही क्यों न हो।
प्रत्याशी असमंजस में
चुनाव लड़ने के इच्छुक प्रत्याशियों सोनू गोयल, गौरव कुमार, योगेश कुमार, रामकुमार, हरिचंद सहित अनेक लोगों ने बताया कि उन्हें चुनावों के नाम पर सरकार द्वारा लूटा जा रहा है। अनेक के मकान अपने नाम नहीं हैं। मकान पिता या माता के नाम हैं। परंतु टैक्स उनसे वसूला जा रहा। इतना ही नहीं चुनाव के लिए भरने वाले फार्म पर अनुमोदन करने वालों को भी एनओसी लेनी पड़ेगी। उनके टैक्स भी भरने पड़ेंगे। इस तरह प्रत्याशी असमंजस में पड़े हुए हैं कि वह चुनाव लड़े या न लड़ें।
पालिका में कोई जेई, एमई नहीं
पालिका में एनओसी लेने के लिए लाइन में लगे प्रत्याशियों ने बताया कि वह फाइलें, फार्म भरकर यहां दे रहे हैं। पालिका में कोई जेई, एमई नहीं है। इस बारे सचिव गुलशन ने बताया कि पालिका में अपना कोई जेई, एमई नहीं है। इस्माइलाबाद के जेई व एमई को चार्ज दिया हुआ है। फिर भी लोगों की सुविधा के लिए वह प्रतिदिन सभी फाइलों को दोपहर बाद इस्माइलाबाद भेजते हैं तथा वहां से हस्ताक्षर कराकर अगले रोज प्रत्याशियों को वापस लौटा देते हैं।