कुलभूषण/निस
बड़ागुढ़ा, 30 जून
रोड़ी मेें चार एकड़ में बने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा सुविधाओं का घोर अभाव है। 6 बैड की क्षमता वाले इस स्वास्थ्य केंद्र में न दवायें और न ड्यूटी डॉक्टर है। जिसके कारण आसपास के गांवों के लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पाती। दवाओं और डॉक्टरों के अभाव में यहां ओपीडी कई माह से बेहद कम है। जबकि इस स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन अगस्त 2002 में हुआ था।
गौरतलब है कि पंजाब बॉर्ड के साथ सटा होने के साथ रोड़ी कस्बा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हरियाणा के साथ-साथ पंजाब के मरीजों को भी कई वर्ष से स्वास्थ्य सेवायें मुहैया करवाता आया है। सरकार व विभाग की बेरुखी के चलते आज रोड़ी के स्वास्थ्य केन्द्र में प्राथमिक चिकित्सा के लिए कोई डाक्टर उपलब्ध नहीं है। आसपास के लोगों ने बताया कि यहां पहले दो डाक्टर व अन्य स्टाफ था, वे सुबह अपनी ड्यूटी पर आते थे लेकिन अब डाॅक्टर न होने के कारण कई रोगी मजबूरी में प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए मजबूर हैं। हरियाणा सरकार जनता को बेहतर सुविधायें प्रदान करने के लिये करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। यह केन्द्र अधिकारियों व सरकार की अनदेखी के कारण व गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण सफेद हाथी बन कर रह गया है। यह केन्द्र अब धूल फांक रहा है। एक गरीब आदमी अपना मामूली सा इलाज तक नहीं करवा सकता, क्योंकि यहां के हालात देखकर अधिकतर लोग निजी चिकित्सकों से अपना इलाज करवा रहे हैं। ज्यादातर मरीजों को इलाज करवाने के लिये चालीस किलोमीटर दूर सिरसा या फिर पंजाब के बठिंडा जाना पड़ता है। लोगों की मांग है कि रोड़ी के स्वास्थ्य केन्द्र में शीघ्र ड्यूटी डाक्टर को तैनात किया जाये। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में दो डॉक्टर, 3 स्टाफ नर्स, एक नर्स, एक फार्मासिस्ट, एक मलेरिया वर्कर व एक स्वास्थ्य निरीक्षक की कमी है।
” स्वास्थ्य केंद्र में डाॅक्टर की 2 पोस्ट हैं, लेकिन एक भी नहीं है। फार्मासिस्ट व मलेरिया वर्कर भी नहीं हैं। ”
-डॉ आशा जिंदल, दंत रोग विशेषज्ञ,
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, रोड़ी