चंडीगढ़, 22 अप्रैल (ट्रिन्यू)
हरियाणा के खेल एवं युवा मामले विभाग को खेल मैदानों में लगाई गई एंट्री फीस पर यूटर्न लेना पड़ा है। अब खिलाड़ियों को स्टेडियम में प्रैक्टिस के लिए फीस नहीं देनी होगी। हालांकि सैर-सपाटा करने आने वाले आम लोगों को भी सरकार ने फिलहाल राहत प्रदान की है। इन लोगों से भी 1000 रुपये मासिक का पास बनवाने के फैसले को टाल दिया गया है। हालांकि खिलाड़ियों के प्रैक्िटस के वक्त बाहरी लोगों का खेल मैदानों में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
हरियाणा ओलंपिक संघ से जुड़े खेल संघों एवं फैडरेशनों को भी अब विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं व चैम्पियनशिप आदि के लिए फीस नहीं देनी होगी। गौरतलब है कि खेल विभाग की ओर से फीस का विपक्षी दलों ने विरोध किया था। पूर्व मुख्यमंत्री व विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा व इनेलो प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला सहित कई नेताओं ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा था।
खेल राज्य मंत्री ने की घोषणा
शुक्रवार को खेल एवं युवा मामले मंत्री सरदार संदीप सिंह ने ऐलान किया कि खिलाड़ियों से एंट्री फीस नहीं ली जाएगी। संदीप सिंह ने कहा कि खेलों का हब बन चुके हरियाणा में खेलों की तैयारी करने वाले खिलाड़ियों के हित में राज्य सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। अब खिलाड़ी खेल स्टेडियमों या खेल परिसरों में निःशुल्क खेलों की तैयारी कर सकेंगे। खिलाड़ियों को स्टेडियम या खेल परिसरों में जाने के लिए किसी प्रकार की फीस का भुगतान नहीं करना होगा। राज्य सरकार की ओर से यह निर्णय खेलों को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों के विकास के लिए लिया है।
अब हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन के तहत आने वाली खेल एसोसिएशन व फैडरेशन को भी खेल टूर्नामेंट जैसे स्टेट चैंपियनशिप या नेशनल चैंपियनशिप आयोजित करने के लिए किसी प्रकार की फीस का भुगतान नहीं करना होगा।
उन्होंने कहा कि निजी संस्थाओं को खेल स्टेडियम का उपयोग करने के लिए विभाग द्वारा निर्धारित फीस देनी होगी। खेल राज्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए नित नए-नए कदम उठा रही है। हरियाणा का नाम खिलाड़ियों को सर्वाधिक पुरस्कार राशि देने के लिए जाना जाता है। खिलाड़ियों को खेलों की तैयारी के लिए 5 लाख रुपये की राशि एडवांस में देने की पहल से भी हरियाणा की पहचान खेलों व खिलाड़ियों के हब के रूप में बनी है। संदीप सिंह ने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों के परिणास्वरूप ही प्रदेश के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल स्पर्धाओं में मेडल जीतकर हरियाणा के साथ-साथ भारत का नाम भी विश्व मानचित्र पर दर्शाया है। ओलंपिक व पैरालंपिक-2021 इसका जीवंत उदाहरण है कि कैसे हरियाणा खेलों के क्षेत्र में अन्य राज्यों के लिए पथ प्रदर्शक बनकर उभर रहा है।
खिलाड़ियों की ओर से किए गए आग्रह के बाद ही यह फैसला लिया गया था। खेल मैदानों में बाहरी लोगों के आने से प्रैक्टिस प्रभावित होती थी। खेल मैदानों में बाहरी लोगों से प्रवेश फीस लेने के फैसले को भी फिलहाल टाल दिया गया है। खिलाड़ियों के प्रैक्टिस के वक्त खेल मैदान में आने पर बाहरी लोगों पर प्रतिबंध रहेगा। -पंकज नैन, डायरेक्टर खेल एवं युवा मामले विभाग