रोहतक में बनाई जा रही हाई सिक्योरिटी जेल का निर्माण अंतिम चरण पर है। यह हरियाणा नहीं बल्कि देशभर में सिक्योरिटी के मामले में अपनी तरह की पहली जेल होगी। कई राज्यों के अलावा दूसरे मुल्कों की आधुनिक जेलों की स्टडी करने के बाद रोहतक में बनाई जा रही हाई सिक्योरिटी जेल की ड्राइंग तैयार की गई। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का तकनीक इस जेल में होगा। इतना ही नहीं, थ्री-लेयर सिक्योरिटी का भी इसमें इंतजाम होगा। प्रदेशभर के हार्डकोर क्रिमिनल, गैंगस्टर और टेरेरिस्ट को इस जेल में रखा जाएगा। लगभग 1300 कैदियों की क्षमता इस जेल की होगी। प्रदेश की दूसरी जेलों के मुकाबले इस जेल की दीवारें अधिक ऊंची होगी। दीवारों की भी तीन लेयर होंगी। जेल के बाहर सेंट्रल फोर्स का सुरक्षा पहरा रहेगा। इसके बाद सिक्योरिटी की दूसरी लेयर हरियाणा पुलिस की होगी। फिर जेल की अपनी सिक्योरिटी होगी।
जेल प्रशासन ने सितंबर तक जेल का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा है। यह डबल स्टोरी जेल होगी जो लगभग 19 एकड़ भूमि में तैयार की जा रही है। हाई सिक्योरिटी जेल का निर्माण करने से पहले विभाग के अधिकारियों ने विभिन्न राज्यों की आधुनिक जेलों का निरीक्षण किया। दूसरे देशों की जेलों के मॉडल की भी स्टडी की गई ताकि रोहतक की जेल की पूरी तरह से आधुनिक बनाया जा सके। इसके बाद इस जेल का नक्शा तैयार किया गया। विभाग का दावा है कि यह अपनी तरह की सबसे बेस्ट जेल होगी। जेल में कैदियों के लिए बनाए जा रहे वार्डों में भी बड़ी-बड़ी तीन दीवारें होंगी ताकि किसी भी बदमाश के भागने की कोई गुंजाइश ही ना हो। पूरी जेल सीसीटीवी कैमरों से लैस होगी। हर छोटी-बड़ी गतिविधि पर नजर रहेगी।
3 नई जेलों की जमीन फाइनल
जेल विभाग ने चरखी दादरी, फतेहाबाद और पंचकूला में नई जेल के लिए जमीन भी फाइनल कर ली है। दादरी के भैरवी गांव में ई-भूमि पोर्टल के जरिये 58 एकड़ जमीन खरीदने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इस जेल में 1200 के करीब कैदियों/बंदियों को रखने की क्षमता होगी। फतेहाबाद के बीघड़ गांव में 45 एकड़ में जेल बनेगी। इसमें 1500 कैदियों की क्षमता होगी। इसी तरह से पंचकूला के जलौली गांव में नगर निगम, पंचकूला की 35 एकड़ जमीन जेल विभाग ने ली है। पंचकूला की जेल 1000 क्षमता की होगी।
ड्रोन से रखी जाएगी नजर
रोहतक जेल में ड्रोन सिस्टम रहेगा ताकि हर कोने पर नजर रखी जा सके। आधुनिक तकनीक के जैमर से लैस होने की वजह से जेल में मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं हो सकेगा। इतना ही नहीं, इंफ्रा टेक्नोलॉजी का भी इसमें प्रयोग किया है। इसके तहत जमीन के नीचे की भी स्कैनिंग हो सकेगी। जमीन में अगर कोई भी आपत्तिजनक वस्तु होगी तो उसका तुरंत पता लग जाएगा।
रोहतक में हाई सिक्योरिटी जेल का काम अंतिम चरण में है। इस साल में इस जेल को शुरू करने का प्लान है। चरखी दादरी, फतेहाबाद और पंचकूला जेल के लिए जगह फाइनल की जा चुकी है। इन पर भी जल्दी ही काम शुरू होगा।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।