नारनौल, 5 नवंबर (निस)
परम पूज्य या गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने अपने जीवन को प्रयोगशाला बनाकर लोकहित युग साहित्य (3200+पुस्तकें) का सृजन किया और कहा ‘मैं व्यक्ति नहीं, विचार हूँ। मेरा स्वरूप मेरे साहित्य में छुपा हुआ है… मुझे घर घर पहुंचाओ’। अपने गुरू से प्रेरणा लेकर गायत्री परिवार, गुरुग्राम के नैष्ठिक साधक एवं प्रसिद्ध समाजसेवी चाँद सिंह यादव ने ज्ञान-विस्तार यज्ञ कार्यक्रम के अंतर्गत आज स्थानीय बाबा खेतानाथ पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्राचार्य अनिल यादव एवं मलखान सिंह चौहान की सहमति से, पूज्यवर पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित युग साहित्य की स्थापना करवाई। कार्यक्रम में उपस्थित सभी महानुभावों ने इस साहित्य (सदग्रन्थों) को विद्यार्थियों की प्रगति एवं चरित्र निर्माण के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण एवं उपयोगी बताया। ये पुरुषार्थ जन-जन में व्याप्त आध्यात्मिक ज्ञान-पिपासा को तृप्त करने के भाव से गायत्री परिवार, गुरुग्राम द्वारा विभिन्न संस्थानों में निःशुल्क सम्पन्न किए जा रहे हैं। आज के कार्यक्रम में जो विशिष्ट जन उपस्थित रहे उनमें समाजसेवी चांद सिंह की धर्मपत्नी शकुंतला यादव, महाविश राव (पौत्री), दयानंद सोनी पूर्व पार्षद, निहाल सिंह सरपंच शेखपुरा, बलवंत सिंह पिलानिया तथा विकी सैनी आदि शामिल है।