चंडीगढ़, 11 फरवरी (ट्रिन्यू)
हरियाणा के पूर्व सीएम व विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कर्मचारी चयन आयोग द्वारा पीजीटी संस्कृत शिक्षकों की भर्ती रद्द करने पर कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि संस्कार, संस्कृति और संस्कृत की बात करने वाली खट्टर सरकार संस्कृत शिक्षकों के साथ ही अन्याय कर रही है। रोजगार देने की बजाय छीनने में सरकार जुटी है। भर्तियों को रद्द किया जा रहा है और कार्यरत कर्मचारियों की नौकरी बर्खास्त हो रही है।
बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ से जारी बयान में हुड्डा ने कहा कि 626 पदों के लिए 2015 में भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने के बाद अचानक उसे रद्द करना युवाओं के साथ बड़ा खिलवाड़ है। सरकार ने 5 साल से रोजगार का इंतजार कर रहे युवाओं के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है। जनवरी-2019 में इस भर्ती का फाइनल रिजल्ट आ चुका था। युवा ज्वाइनिंग का इंतज़ार कर रहे थे, लेकिन सरकार लगातार ज्वाइनिंग को लेकर टालमटोल करती रही।
अभ्यार्थियों ने धरने-प्रदर्शन और भूख हड़ताल तक की, लेकिन सरकार ने ज्वाइनिंग नहीं करवाई। हुड्डा ने कहा कि उनकी तरफ से भी बार-बार इन युवाओं को ज्वाइनिंग देने की मांग उठाई गई लेकिन, हर बार सरकार ने इस मांग को अनदेखा किया और अब इस भर्ती को ही रद्द कर दिया। हुड्डा ने कहा, सरकार का काम भर्तियां करना होता है, उन्हें रद्द करना नहीं। सरकार का काम युवाओं को रोजगार देना होता है, रोजगार छीनना नहीं। पूर्व सीएम ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने मानो रोजगार छीनने की मुहिम चला रखी है। पीजीटी संस्कृत से पहले ये सरकार 1983 पीटीआई, ड्राइंग टीचर्स और 1500 ग्रुप-डी स्पोर्ट्स कोटे के कर्मचारियों का रोजगार छीन चुकी है।